बच्चें को कैसे मिलेगा न्याय : अफसरों के गोलमाल जवाब

By AV NEWS

सवाल : फातिमा स्कूल प्रबंधन ने पल्ला झाड़ लिया था उसके खिलाफ क्या कार्रवाई की ?

आरटीओ : मोटर व्हीकल एक्ट गिनाते रहे…

जिला शिक्षा अधिकारी : चुप्पी साधे मुंह ताकते रहे..

उज्जैन।नागदा-उन्हेल रोड पर ट्रक से स्कूल वाहन की भिड़ंत में चार स्कूली बच्चों की मौत के आठ दिन बाद भी अफसरों के चेहरे पर शिकन तक नहीं है।

विक्रम कीर्ति मंदिर में मप्र बाल संरक्षण आयोग द्वारा स्कूली बच्चों की मौत को लेकर स्कूल संचालकों की बैठक में हादसे के पहले ही दिन फातिमा स्कूल द्वारा सुप्रीम कोर्ट और बाल संरक्षण आयोग की गाइडलाइन पालन नहीं करने की बात अप्रत्यक्ष तौर स्वीकार कर घटना से पल्ला झाड़ लेने के बाद भी स्कूल प्रबंधन पर कार्रवाई के प्रश्न पर अधिकारी बगले झांकते रहे।

आरटीओ मोटर व्हीकल एक्ट गिनाने लगे। जिला शिक्षा अधिकारी चुप्पी साधे मुंह ताकते रहे। कुल मिलाकर कोई भी यह नहीं बता पाया कि आखिर स्कूल को क्यो बक्शा जा रहा है।

दोषियों पर कार्रवाई को लेकर अफसर प्रकरण दर्ज करना तो दूर कुछ भी बताने की स्थिति में नहीं है। जिम्मेदारी से बचने और गाइडलाइन का पालन नहीं करने पर फातिमा स्कूल प्रबंधन पर कार्रवाई का सवाल आने पर मप्र बाल अधिकार संरक्षण आयोग के सदस्य ब्रजेश चौहान ने मौके पर ही आरटीओ से यह भी सवाल किया कि बच्चों के साथ हुए हादसे के बाद संबंधित स्कूल ने पल्ला झाड़ लिया था उसके खिलाफ क्या कार्रवाई की गई। चौहान ने उन्हें कोई जानकारी नहीं है यह कहते हुए माइक अधिकारियों की तरफ बढ़ा दिया कि अधिकारी ही बता सकते है कि क्या कार्रवाई की गई?

सवाल पर आरटीओ संतोष मालवीय व जिला शिक्षा अधिकारी आनंद कुमार शर्मा पहले तो एक-दूसरे का मुंह ताकते रहे। अधिकारी न केवल गोलमाल जवाब देते रहे,बल्कि जिन्हें कार्रवाई करना थी, वे मंच पर चुप्पी साधे बैठे रहे।

चौहान के निर्देश पर जानकारी के लिए खड़े हुए आरटीओ संतोष मालवीय घटनाक्रम और विभाग द्वारा उठाए गए कदम और मोटर व्हीकल एक्ट,नियम-कायदे,दिशा-निर्देश का हवाला देकर सवाल का जवाब देने से बचते रहे।

जब उन्हें कार्रवाई की जानकारी देने के लिए टोका गया,तो उन्होंने कुछ भी स्पष्ट बोलने से बचते हुए केवल इतना कहा मैं तो अगले दिन ही घटनास्थल पहुंचा था व स्कूल भी गया था।

जिला शिक्षा अधिकारी को भी स्कूल प्रबंधन के खिलाफ कार्रवाई के लिए पत्र लिखा। अकेले परिवहन विभाग नहीं बल्कि ये सबकी सामूहिक जिम्मेदारी है कि नियमों का पालन करें। कार्रवाई केवल आरटीओ को नही सभी संबंधित विभाग को करना है। आरटीओ का अप्रत्यक्ष इशारा शिक्षा विभाग की ओर था।

जिला शिक्षा अधिकारी एक शब्द भी नहीं बोले

इस दौरान जिला शिक्षा अधिकारी आनंद कुमार शर्मा पूरे समय एक शब्द नहीं बोले और ना ही कार्रवाई के संबंध में जानकारी दी। मौजूद पुलिस विभाग के अधिकारियों ने भी स्कूल प्रबंधन के खिलाफ किसी कार्रवाई को लेकर कुछ नहीं कहा। इतना जरुर है कि वाहन चाले और मालिक पर जांच के अनुसार प्रकरण दर्ज करने का आश्वासन दिया।

अधिकारियों का ऐसा रवेया देखकर आयोग के सदस्य चौहान भी आश्चर्य में नजर आए। अधिकारी की चुप्पी से साफ लग रहा था कि उनकी मंशा सुप्रीम कोर्ट,बाल आयोग की गाइडलाइन और शासन के नियमों का पालन होने पर भी स्कूल प्रबंधन को बचाने की है।

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