कहते हैं, कभी-कभी इंसान बिना कुछ सोचे-समझे किसी घटना को अंजाम दे देता है लेकिन वह उसके परिणाम के बारे में नहीं सोचता है।मध्यप्रदेश के जबलपुर में 15 साल के एक छात्र ने अपने ही क्लास में पढ़ने वाली लड़की के 10 साल के भाई को मारकर शव नदी में फेंक दिया। क्राइम ब्रांच के 40 अफसर और कर्मचारी पांच दिन तक बच्चे की खोजबीन करते रहे तब जाकर उन्हें शव मिला। मामला जबलपुर जिले के बेलखेड़ा थाना क्षेत्र के जुगपुरा गांव का है। मृत बच्चे के परिजन के शक के आधार पर जब पुलिस ने नाबालिग आरोपी से पूछताछ की तो उसने हत्या की बात मानी।
घटना के करीब दस दिन बाद मृतक की लाश गांव से पच्चीस किलोमीटर दूर मुराच घाट पर बरामद हुई है। अब पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। साथ ही पुलिस ने मामले में हत्या की धारा 302 और शव छिपाने की धारा 201 भादवि बढ़ाते हुए आरोपी को न्यायालय बोर्ड में पेश किया है।
जानकारी के अनुसार, घटना जुगपुरा थाना के अंतर्गत आने वाले बेलखेड़ा गाँव की है। यहां गांव में अपने माता-पिता के साथ रहने वाला धनराज (10) बीते 5 मार्च की रात आठ बजे से लापता था। इसके बाद परिजनों द्वारा तलाश किये जाने पर जब धनराज नहीं मिला तो उसके पिता ने 6 मार्च को बेलखेड़ा थाने में उसके अपहरण का प्रकरण दर्ज कराया था। साथ ही इस मामले में एसपी ने 10 मार्च को बच्चे का पता बताने पर पांच हजार रुपए का इनाम घोषित किया था। बताया जा रहा है कि, धनराज ने लापता होने वाले दिन ही घर पर बताया था कि वह चाचा व नानी से (घर से 200 मीटर दूरी पर स्थित) मिलने जा रहा है। लेकिन जब वह देर रात तक नहीं लौटा तो परिजन उसे ढूंढने लगे। इस घटना के दो दिन बाद गाँव का एक और लड़का घाट पर संदिग्ध हाले में पाया गया था, जिसमें कि उसके पैर-हांथ रस्सी से बंधे थे और मुंह में टेप लगा हुआ था। पुलिस और परिवार के द्वारा पूछे जाने पर उसने बताया कि कई बदमाश उसे अगवा कर ले जा रहे थे।
ऐसे में बेलखेड़ा पुलिस के सामने दो समस्याएं आन पड़ी थी। एक तरफ बच्चा गायब था तो अब यह मामला सामने आया था, लेकिन लड़के के इस कहानी को लेकर पुलिस का शक गहरा गया और उन्होंने लड़के से कड़ी पूछताछ की। इसके बाद उसने वारदात कबूल कर ली। लड़के न बताया कि, वह धनराज की बहन से बातचीत करता था और रजा ने उन दोनों को देख लिया था। ऐसे में घर में बताने के नाम पर ब्लैकमेल करता रहा और कुछ पैसे भी ऐठे हुए थे। कुछ दिन बाद वह उससे मोबाइल मांगकर गेम भी खेलता था। इन्हीं सब बातों से तंग आकर उसने योजना के तहत धनराज को शौच के लिए अपने साथ बुलाया और जुग्पुरा घाट की तरफ लेकर चला गया। वहन उसने धनराज के सिर पर डंडे से मारकर उसे बेहोश कर दिया। इसके बाद उसके एक छोटी नाव में लादकर बीच धारा में फेंक दिया और घर आया। इसके बाद धनराज के परिजनों के साथ ही मिलकर उसे ढूँढने का बहाना करने लगा। ताकि उसपर किसी को शक न हो।
इस मामले में ऐसे सनसनीखेज खुलासे के बाद पुलिस भी सन्न रह गई। इसके बाद एनडीआरएफ और होमगार्ड की चार टीमें गठित की गई थी। जो कि पिछले पांच दिनों से नर्मदा के घाटों तक तलाश करती रही। इसके बाद रविवार शाम को चलाए जा रहे सर्च ऑपरेशान में धनराज का शव नरसिंहपुर जिले के मुराच घाट के पास मिला। बताया जा रहा है कि शव बुरी तरह से फूल गया है। लेकिन धनराज के कपड़ों से उसकी पहचान हो पाई है।