टटवाल जी, आप सहज, सरल, शालीन हैं, आपने नगर सरकार की कमान तो थाम ली है, लेकिन आप को उस कॉकस (गठजोड़) से सावधान रहना होगा जो शहर में सभी को अपनी ‘जेब” में रखा हुआ मानते हैं। यह कॉकस बिल्डर-नेता-समाजसेवी-अफसर से मिलकर बना है।
जो देर-सबेर नगर सरकार के मुखिया, यानी आप को ‘घेरेबंदी” में लेकर अपने स्वार्थ और धन-संपदा की पूर्ति करेंगे। यह गठजोड़ पहले भी अपनी ‘स्वार्थपूति की कुशलता” से शहर के कई नेताओं और महापौर का राजनीतिक करियर चौपट कर चूका है।
हाल में कुछ ऐसे प्रसंग सामने आ चुके है,जिसमें तथाकथित समाजसेवी लेकिन मूल रूप से प्रापर्टी के कारोबारी ने अपने निजी धार्मिक आयोजन में आपको सम्मान के नाम पर आमंत्रित किया था। इस कार्यक्रम में शहर के कुछ नेता-अफसर भी शामिल थे। इसकी सूचना सार्वजनिक भी नहीं की गई।
इस कार्यक्रम में महापौर के नाते आप को बुलवाकर बिल्डर्स ने अपने समाज,कारोबारी क्षेत्र और अफसरों के बीच अप्रत्यक्ष तौर पर यह ‘संदेश” देने का प्रयास किया कि ‘महापौर” तो उनका ही व्यक्ति है। महापौरजी आप को उस ‘नेता नगरी’ से भी सावधान रहना होगा जो आप जैसे व्यक्तित्व को शहर के प्रथम नागरिक के रूप में नही देखना चाहती थी।
अब जब आप ‘शिवाजी भवन” में विराजमान हो चुके हैं, तो ऐसे लोग इस बात को हजम भी नहीं कर पा रहे हैं। यह ‘नेता नगरी’अब भी यही चाहती है कि उसका निगम पर भी वैसा ही कब्जा कायम रहे, जैसा अब तक बना हुआ है। आपको उन सलाहकारों से भी सावधान रहना होगा जो सलाह के नाम पर अपने एजेंडे सेट करने की मंशा पाले हुए है। उन लोगों से भी सावधान रहना जो आपको ‘अपना’ साबित करने पर आमादा है।
निगम के भ्रष्टाचार पर भी सावधान रहना होगा। आप की छवि पर आंच न आए, ऐसा तंत्र विकसित करना होगा। एमआइसी के मुद्दों पर भी सावधान रहना। टेण्डर प्रक्रिया पर होशियार रहना होगा। उन ठेकेदारों से सावधान रहना होगा जो रिश्वत के दम पर निगम को अपनी जेब मे रखने का दावा किये बरसो से निगम में काबिज है। सजग रहना होगा उस विश्वास के प्रति, जो इस शहर के लोगों ने आपके प्रति अपने वोट के तौर पर व्यक्त किया है। शहर का सपना न टूटने पाए। सावधान रहना…महापौर जी !