रेल के माध्यम से माल ढुलाई अधिक कारगर है: भारतीय रेलवे

By AV NEWS

अधिक पर्यावरण अनुकूल परिवहन की ओर बढ़ रही है

मांग की समग्र क्षमता के साथ भविष्य के लिए तैयार रेलवे के लिए राष्ट्रीय रेल योजना (NRP) का विकास आवश्‍यक है। एनआरपी का लक्ष्य 2030 तक उस क्षमता सृजन करना है, जो 2050 तक मांग क्षितिज को पूरा करेगा। भारत ने अपने राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित योगदान (NDC) के हिस्से के रूप में 2030 तक जीडीपी की प्रति यूनिट उत्सर्जन में 30% की कमी के लिए प्रतिबद्ध है और माल परिवहन में रेल मॉडल हिस्सेदारी में वृद्धि करना इस प्रतिबद्धता के घटकों में से एक है।

फ्रेट ट्रेन थ्रूपुट बढ़ाने से दक्षता में सुधार हुआ

एक मालगाड़ी में ढोए जाने वाले कार्गो को बढ़ाने की दृष्टि से भारतीय रेलवे अपने वैगनों की भार वहन क्षमता बढ़ाने पर काम कर रही है। इस दिशा में, भारतीय रेल द्वारा 25 टन/22.9 टन/22.82 टन के धुरी भार के साथ 35 से अधिक विभिन्न प्रकार के वैगन को शुरू किया गया। यह पुराने वैगनों की तुलना में 20.32 टन एक्सल लोड से 10-20% अतिरिक्त लोडिंग क्षमता प्रदान करता है। इस प्रकार, एक ट्रेन में 10-20% अतिरिक्त कार्गो ले जाया जा सकता है, जिसके परिणामस्वरूप लागत में बचत के साथ-साथ प्रति टन कार्गो के उत्सर्जन में भी कमी आती है।

महामारी में ऑक्सीजन का परिवहन जैसे माल परिवहन, सड़क परिवहन की तुलना में अधिक पर्यावरण अनुकूल है।

रेलवे ने 19 अप्रैल, 2021 से 350 से अधिक लोडेड ऑक्सीजन एक्सप्रेस ट्रेनें चलाई हैं, जिसमें 1,438 लोडेड टैंकर थे, जिससे देश के विभिन्न हिस्सों में 24,387 टन ऑक्सीजन पहुंचाई गई है।

महाराष्ट्र में 614 टन ऑक्सीजन पहुँचाई गई है। सड़क परिवहन की तुलना में रेलवे के माध्यम से माल ढुलाई अधिक पर्यावरण के अनुकूल है।

पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी श्री सुमित ठाकुर ने बताया कि अब तक, पश्चिम रेलवे ने 74 ऑक्सीजन एक्सप्रेस ट्रेनें चलाई हैं और 355 टैंकरों में 6624 टन लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन (LMO) को उत्तर प्रदेश, हरियाणा, दिल्ली, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, महाराष्ट्र, पंजाब, राजस्थान और तेलंगाना राज्यों में पहुँचाया है।

Share This Article