शिप्रा नदी का पानी पेयजल सप्लाय के लिये लेना शुरू

By AV NEWS

गंभीर डेम में सिर्फ 17 दिनों का पानी, उंडासा और साहेबखेड़ी तालाब से भी ले रहे पानी

उज्जैन।पिछले वर्ष भरपूर बारिश के बाद गंभीर डेम अपनी पूरी क्षमता 2250 एमसीएफटी के साथ भरा था, लेकिन पेयजल सप्लाय की डिमांड बढऩे और लाइन लिकेज के कारण हो रहे पानी के अपव्यय के चलते डेम का पानी 8 माह तक प्रतिदिन पेयजल सप्लाय के उपयोग में नहीं आ पाया। इस कारण शहर में एक दिन छोड़कर जलप्रदाय किया गया और अब डेम में मात्र 17 दिनों का पानी बचा है।

जून माह में मानसून ने दस्तक तो दी लेकिन जोरदार बारिश नहीं होने के कारण गंभीर डेम में पानी की आवक शुरू नहीं हो पाई। डेम में पूर्व से स्टोर पानी का उपयोग कर शहर में एक दिन छोड़कर जलप्रदाय किया जा रहा है। अब गंभीर डेम में सिर्फ 17 दिन का पानी शेष रह गया है। बारिश की खेंच को देखते हुए पीएचई विभाग द्वारा शहर में पेयजल सप्लाय के लिये अब शिप्रा नदी के पानी का उपयोग शुरू किया गया है। गउघाट जलयंत्रालय प्रभारी एस.के. लाड ने बताया कि गंभीर डेम में पानी का लेवल कम होने और शिप्रा नदी में बारिश का पानी बढऩे के मद्देनजर शहर में पेयजल सप्लाय के लिये शिप्रा नदी से 3 एमजीडी और गंभीर से 12 एमजीडी पानी लिया जा रहा है। इसके अलावा उण्डासा व साहेबखेड़ी तालाबों से भी पेयजल सप्लाय के लिये पानी का उपयोग किया जा रहा है। उण्डासा तालाब खाली हो चुका था इस कारण वर्तमान में साहेबखेड़ी से उंडासा तालाब में पानी लाकर मक्सीरोड़, शंकरपुर, पंवासा क्षेत्र की कालोनियों में जलप्रदाय किया जा रहा है और साहेबखेड़ी तालाब से इंदिरा नगर व आगर रोड़ की कालोनियों में जलप्रदाय किया जा रहा है।

पानी की शुद्धता से समझौता नहीं
त्रिवेणी स्थित खान नदी पर बनाया गया मिट्टी का पाला पिछले दिनों ओवरफ्लो होने के बाद टूट गया था जिस कारण खान नदी का केमिकल युक्त बदबूदार पानी त्रिवेणी स्टापडेम पर एकत्रित हो गया था। इस दूषित पानी को पेयजल के उपयोग में नहीं लिया जा सकता था। यही कारण था कि लंबे समय से शिप्रा नदी के पानी का उपयोग पेयजल सप्लाय में नहीं किया गया। वर्तमान में मानसून सीजन शुरू होने के कारण शिप्रा नदी के सभी स्टापडेम खोल दिये गये हैं और पूर्व से स्टोर खान का दूषित पानी आगे बहा दिया गया है। गऊघाट जलयंत्रालय के केमिस्ट हीरासिंह मोरी ने बताया कि शिप्रा नदी में स्टोर पानी का पेयजल सप्लाय में उपयोग कर सकते हैं। पानी की गुणवत्ता की जांच की जा चुकी है। शहर में सप्लाय होने वाले पानी की शुद्धता से कोई समझौता नहीं किया जाता।

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