उज्जैन। एक जनप्रतिनिधि से जुड़े युवक ने शा.माधवनगर में रूटीन चिकित्सा प्रक्रिया में हस्तक्षेप करना शुरू कर दिया है। पूर्व में उक्त युवक पर यह आरोप लगे थे कि वह स्टॉफ की अदला-बदली में हस्तक्षेप करता है लेकिन अब हस्तक्षेप के हालात यह हो गए हैं कि वह डॉक्टर्स को बताता है कि किस मरीज का उपचार कैसे करना है? ताजा मामला आईसीयू में एक्स्ट्रा बेड लगवाने का है।
उक्त युवक ने जब एक डॉक्टर को कहा कि हमारी पार्टी का मरीज है, आप आईसीयू में भर्ती कर लें। डॉक्टर ने कहा कि आईसीयू कोई होटल नहीं है कि दो की जगह तीन रूक जाएं इसलिए एक्स्ट्रा बेड लगा दिया जाए। युवक नहीं माना और आईसीयू में तीन एक्स्ट्रा बेड लग गए। इस मामले में राजनीतिक दबाव और भय के चलते कोई भी डॉक्टर कुछ कहने से बच रहा है। अब 19 बेड वाली आईसीयू में 23 बेड लगे हुए हैं। डॉक्टर्स को मरीज के उपचार में परेशानी आ रही है वहीं आईसीयू में लगे एक्स्ट्रा बेड केवल नाम के हैं। इनके साथ इंस्ट्रूमेंट एक भी नहीं लगा हुआ है। ऐसे में डॉक्टर्स को चिंता है कि गंभीर मरीज के साथ कोई हादसा हो गया तो क्या होगा।