वसूली के आरोप में घिरे महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने आखिरकार सोमवार को पद से इस्तीफा दे दिया। उनकी जगह दिलीप वलसे पाटिल को गृह विभाग की जिम्मेदारी सौंपी जा रही है। देशमुख ने अपना इस्तीफा मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को भेजा। फिर उद्धव से उनके घर जाकर मुलाकात भी की। इसके बाद देशमुख दिल्ली रवाना हो गए। गृहमंत्री के इस्तीफे के बीच राकांपा चीफ शरद पवार और डिप्टी सीएम अजित पवार के बीच भी मुलाकात हुई।
देशमुख ने 6 लाइन के अपने इस्तीफे में लिखा- आज माननीय हाईकोर्ट की ओर से एडवोकेट जयश्री पाटिल की याचिका पर CBI जांच का आदेश दिया गया है। इसलिए मैं नैतिकता के आधार पर गृह मंत्री के पद से इस्तीफा देता हूं। मैं आपसे विनम्र निवेदन करता हूं कि मुझे गृह मंत्री के पद से मुक्त किया जाए।
इससे, तीन घंटे पहले ही बॉम्बे हाईकोर्ट ने वसूली के आरोपों की सीबीआई जांच के आदेश दिए। कोर्ट ने कहा कि आरोप छोटे नहीं हैं और राज्य के गृह मंत्री पर हैं, इसलिए पुलिस इसकी निष्पक्ष जांच नहीं कर सकती। मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर ने देशमुख पर आरोप लगाए थे। उन्होंने कहा था कि देशमुख ने निलंबित API सचिव वझे को 100 करोड़ रुपए वसूली का टारगेट दिया था।
अदालत ने फैसला सुनाते हुए कहा- यह पूरा मामला FIR के इर्दगिर्द घूम रहा है। जयश्री पाटिल ने पुलिस स्टेशन में FIR दर्ज करवाने का प्रयास किया था, लेकिन उनकी FIR दर्ज नहीं हुई। हम इस मामले से जुड़े अन्य मुद्दों पर अभी बात नहीं करेंगे। हम इस बात से सहमत हैं कि यह एक अभूतपूर्व मामला है। अनिल देशमुख पुलिस विभाग को लीड करने वाले गृह मंत्री हैं। इस मामले में एक इंडिपेंडेंट जांच होनी चाहिए, इसलिए CBI फिलहाल बिना FIR दर्ज किए इस मामले की जांच करे और 15 दिन में अपनी प्राथमिक रिपोर्ट पेश करे।