मोहिनी एकादशी के दिन बन रहा, यह शुभ संयोग

By AV NEWS

हिंदू धर्म में एकादशी व्रत का विशेष महत्व है। एकादशी तिथि भगवान विष्णु को समर्पित होती है। हिंदू पंचांग के अनुसार, 23 मई 2021 दिन रविवार को वैशाख मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि है। इस एकादशी को मोहिनी एकादशी के नाम से जानते हैं। मोहिनी एकादशी की कथा समुद्र मंथन से जुड़ी है। मान्यता है कि मोहिनी एकादशी का व्रत विधि पूर्वक करने से सभी कष्टों से मुक्ति मिलती है और जीवन में आने वाली समस्याओं से मुक्ति मिलती है।

मोहिनी एकादशी के दिन ग्रह-नक्षत्रों की स्थिति-

मोहिनी एकादशी के दिन सिद्धि योग बन रहा है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, सिद्धि योग में किए गए कार्यों में सफलता हासिल होती है। सिद्धि योग 23 मई को दोपहर 02 बजकर 58 मिनट तक रहेगा। इस दिन चंद्रमा रात 11 बजकर 04 मिनट तक कन्या राशि पर संचार करेगा। इसके बाद तुला राशि पर संचार करेगा। सूर्य वृषभ राशि में रहेगा। सूर्य नक्षत्र कृत्तिका है।

पंचांग के अनुसार 22 मई 2021 से एकादशी की तिथि का आरंभ होगा और एकादशी का व्रत 23 मई को रखा जाएगा।

एकादशी तिथि प्रारम्भ : 22 मई 2021 को सुबह 09:15 बजे से
एकादशी तिथि समाप्त : 23 मई 2021 को सुबह 06:42 बजे तक
पारणा मुहूर्त : 24 मई सुबह 05:26 बजे से सुबह 08:10 बजे तक
पारणा अवधि : 2 घंटे 44 मिनट

एकादशी के दिन क्या करें और क्या नहीं-

एकादशी की तिथि भगवान विष्णु को समर्पित होती है। इस पावन दिन भगवान विष्णु की पूजा करनी चाहिए। अगर संभव हो तो इस दिन व्रत भी करना चाहिए।

भगवान विष्णु के साथ माता लक्ष्मी की पूजा भी करें।

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं।

इस दिन सात्विक भोजन ग्रहण करना चाहिए और मांस- मदिरा के सेवन से दूर रहें।

एकादशी के पावन दिन चावल का सेवन न करें।

इस दिन किसी के प्रति अपशब्दों का प्रयोग नहीं करना चाहिए।

इस पावन दिन ब्रह्मचर्य का पालन भी करें।

धार्मिक शास्त्रों के अनुसार इस दिन दान करने का बहुत अधिक महत्व होता है। इस दिन दान- पुण्य करें।

 एकादशी के पावन दिन भगवान विष्णु को भोग जरूर लगाएं।

 भगवान विष्णु के भोग में तुलसी को जरूरी शामिल करें। भगवान को सात्विक चीजों का ही भोग लगाएं।

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