उज्जैन :अब व्यवसायिक प्रतिष्ठानों और बहुमंजिला इमारतों पर भी गिरेगी गाज

मामला: सरकारी और निजी अस्पतालों में फायर ऑडिट का…

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नोटिस को दिए पांच दिन बीते, एक ने भी पेश नहीं की रिपोर्ट

अभी तक एक भी अस्पताल से नहीं पेश की रिपोर्ट

उज्जैन। शहर के सरकारी और निजी अस्पतालों में अग्नि सुरक्षा मापदंडों का पालन किया जा रहा है अथवा नहीं इसकी जानकारी लेने के लिए नगर निगम प्रशासन द्वारा शहर के लगभग 22 चिकित्सकीय सेंटरों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। जवाब के लिए सभी को 7 दिनों का समय दिया गया है। जिसमें अब 3 दिन शेष बचे है, लेकिन अभी तक किसी ने भी अपनी ऑडिट रिपोर्ट पेश नहीं कि हैं।

गौरतलब है कि अग्नि सुरक्षा के नियम में जो संशोधन किया गया है उसमें हर वर्ष 30 जून तक फायर ऑडिट की रिपोर्ट पेश करने का समय दिया गया है। वहीं फायर ऑडिट रिपोर्ट पेश नहीं करने पर सम्बंधित अधिकारी को फायर एनओसी निरस्त करने का अधिकार होगा। फायर ऑडिट की एनओसी 15 मीटर से ऊंचे सभी व्यवसायिक प्रतिष्ठानों और बहुमंजिला इमारतों को लेना जरूरी है।

फायर सेफ्टी अधिकारी राजपूत के अनुसार शहर में कुल 17 निजी कंसल्टेंट रजिस्टर्ड है, जिनके जरिए फायर ऑडिट का काम करवाया जा सकता है। सभी रजिस्टर्ड कंसल्टेंट की जानकारी नगर पालिका के ई-पोर्टल पर दर्ज है। फिलहाल अभी तक किसी भी अस्पताल से हमें ऑडिट रिपोर्ट प्राप्त नहीं हुई है।

आदेश व जांच के बाद उन्हें भी किया जा सकता है शामिल

फिलहाल निगम प्रशासन द्वारा शहर में स्थित बड़े व्यावसायिक प्रतिष्ठानों और बहुमंजिला इमारतों को फायर ऑडिट के लिए नोटिस नहीं दिया गया है, लेकिन आगे से आदेश आते ही, जांच के बाद इन्हें भी फायर ऑडिट के लिए शामिल किया जा सकता हैं।
अजय राजपूत, फायर सेफ्टी अधिकारी ननि

फायर ऑडिट के लिए क्या है जरूरी

छतों या बेसमेंट में किसी रसोई की अनुमति नहीं।

छतों पर ज्वलनशील पदार्थों का भंडारण नहीं किया जाएगा।

ज्वलनशील सामग्री जैसे लकड़ी, फॉम, कालीन आदि का उपयोग गलियारे, सीढिय़ों पर नहीं किया जाएगा।

निर्धारित मानकों के अनुरूप सुरक्षा साधन स्थापित किए जाए।

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