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हरतालिका तीज पर रखें ये सावधानी

हरतालिका तीज पर्व का विशेष महत्व है और इस दौरान सुहागन महिलाएं काफी कठिन व्रत रखती है। विवाहित हिंदू महिलाएं इस दिन अपने पति की लंबी उम्र के लिए व्रत रखती है। हर साल यह व्रत भाद्र मास के शुक्ल पक्ष में तृतीया को मनाया जाता है। हरतालिका पर्व पर भगवान गणेश के साथ उनके माता-पिता देवाधिदेव महादेव और माता पार्वती की पूजा की जाती है। गणेश चतुर्थी पर्व के एक दिन पहले ही हरतालिका तीज पर्व मनाया जाता है। हर व्रत व त्योहार को मनाने के कुछ नियम होते हैं और पूजा के दौरान कुछ विशेष सावधानियां रखनी पड़ती है। हरतालिका तीज की पूजा और व्रत के दौरान भी सुहागन महिलाओं इन बातों की विशेष सावधानी रखनी चाहिए –

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हरतालिका व्रत के दौर जरूर करें ये काम

सुहागन महिलाओं को सुबह सूर्योदय से पहले स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करना चाहिए और दिनभर बगैर भोजन के व्रत करना चाहिए।

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यदि किसी कारण से कोई शारीरिक समस्या है तो अस्वस्थता की स्थिति में दवाइयों का सेवन जरूर करें। साथ ही स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए ज्यूस या फलों का सेवन जरूर कर लेना चाहिए।

हरतालिका पूजन के लिए महिलाओं को समूह में पूजा करना ज्यादा उचित माना जाता है। दरअसल इसके पीछे विशेष धार्मिक कारण तो नहीं है, लेकिन ऐसा माना जाता है कि ऐसा करने से संस्कारों के बारे में बेहतर समझ पैदा होती है।

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पूजन के दौरान इस बातों की रखें सावधानी

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार हरतालिका व्रत एक बार शुरू करने के बाद उसे रोकना नहीं चाहिए। हर वर्ष हरतालिका व्रत विधि-विधान के साथ पूजा पाठ करना चाहिए।

हरतालिका व्रत के दौरान जब पूजन करें तो सबसे पहले भगवान गणेश की पूजा सबसे पहले करनी चाहिए। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भगवान गणेश को प्रथम पूजनीय माना जाता है

केले के पत्तों से पूजा मंडप बनाना चाहिए और इसमें माता गौरी और भगवान शंकर की मूर्तियों को प्रतिष्ठित करना चाहिए।

हरतालिका व्रत के दिन व्रत करने वाली महिलाओं को सोने से बचना चाहिए। रात में भी भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा की जाती है

हरतालिका तीज करने वाली महिलाओं को झूठ बोलने, गुस्सा करने और किसी बुराई करने से बचना चाहिए।

पूजा में लगाया दीपक 24 घंटे के लिए जलते रहने देना चाहिए। दीपक को बुझने नहीं देना चाहिए। इसमें समय-समय पर तेल या घी डालते रहें।

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