पहली बार 9वीं-11वीं के पेपर में बदलाव

तिमाही-छमाही परीक्षा के पर्चे एक जैसे होंगे

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उज्जैन। शिक्षा गुणवत्ता में सुधारने के मद्देनजर स्कूल शिक्षा विभाग परीक्षा सिस्टम में बड़ा बदलाव कर रहा है। सरकारी स्कूलों की 9वीं और 11वीं क्लास की तिमाही और छमाही परीक्षा के पेपर भी प्रदेश भर में एक समान होंगे। इसके अलावा छमाही परीक्षा के लिए हर स्कूल से 10, 10 प्रश्न बनवाए जाएंगे। इनका एक कंपाइल क्वेश्चन बैंक बनाया जाएगा। इसकी तैयारी शुरू कर दी गई है। विभाग ने एक आदेश जारी किया है। इसमें विद्यार्थियों से तिमाही और छमाही परीक्षा के लिए दो बार 100 रु. फीस लेने का जिक्र किया गया है।

इस आदेश में तिमाही, छमाही परीक्षा के पेपर छपवाने की तैयारी और उसके खर्चे का ब्यौरा भी शामिल किया गया है। पेपर सेट करने का काम सीपीआई लेवल पर किया जाएगा और उसकी प्रिंटिंग का काम ओपन स्कूल बोर्ड संभालेगा। प्रदेशभर के सरकारी स्कूलों में 20 लाख से ज्यादा स्टूडेंट्स 9वीं एवं 11वीं की परीक्षा में शामिल होते हैं। नौवीं एवं 11वीं की तिमाही और छमाही परीक्षा के पेपर एक समान रहने से अकादमिक सुधार भी होगा। तिमाही परीक्षा के रिजल्ट के आधार पर कमजोर विद्यार्थियों की रेमेडियल क्लासेस भी लगाई जाएंगी। अभी तक प्रदेशभर में 9वीं एवं 11वीं क्लास की सालाना परीक्षा के पेपर ही एक समान लिए जाते हैं।

जानकार बताते हैं 2006 में हाई स्कूल और हायर सेकेंडरी स्कूल का रिजल्ट 31 प्रतिशत आने के बाद प्रदेश भर में काफी हंगामा मचा था। उसके बाद से ही स्टेट लेवल पर पेपर सेट करने की व्यवस्था की गई थी। एक छात्र से 100 रुपए फीस ली जाएगी। इसमें से 65 प्रतिशत ओपन स्कूल बोर्ड, 5 प्रतिशत संयुक्त संचालक दफ्तर, 10 प्रतिशत बीईओ ऑफिस और 20 प्रतिशत स्कूल के हिस्से में आएंगे।

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