उज्जैन जिले को सात ओवरब्रिज की सौगात…

By AV NEWS

मुख्यमंत्री शिवराज का महाकाल की नगरी से प्रेम, शहर केे लिए तीन ब्रिज स्वीकृत

मध्यप्रदेश के 30 जिलों में जल्द ही 105 नए रेल ओवर ब्रिज बनाए जाएंगे

उज्जैन।सीएम का महाकाल की नगरी के प्रति फिर से प्रेम उमड़ा है। शासन ने उज्जैन जिले के लिए सात ओवरब्रिज मंजूरी दी है। इसमें से तीन ओवरब्रिज शहर के लिए प्रस्तावित है। इसे सिंहस्थ 2028 की तैयारियों से भी जोड़कर देखा जा रहा है।

मप्र के 30 जिलों में जल्द ही 105 नए रेल ओवर ब्रिज (आरओबी) बनाए जाएंगे। इसके लिए मप्र प्रदेश शासन ने भी स्वीकृति दे दी है। इनमें से सात उज्जैन जिले में बनेंगे। शासन ने विभाग को इसकी प्रक्रिया शीघ्र पूर्ण करने को कहा है। सभी आरओबी के निर्माण की जिम्मेदारी पीडब्ल्यूडीको दी गई है। इसमें मप्र शासन 64, रेलवे 36 और 15 आरओबी का खर्च अन्य एजेंसियां वहन करेंगी। इनमें कुल 3132 करोड़ रुपये खर्च होंगे।

नए वित्तीय बजट में जिन रेलवे पुलों का निर्माण होना है। उनमें सबसे अधिक 12 आरओबी सागर जिले में बनने हैं। वहीं जबलपुर में आठ, उज्जैन में सात, इंदौर में सात, नरसिंहपुर में सात, बालाघाट में छह रेलवे पुल बनने हैं। वहीं भोपाल, रतलाम, मंदसौर और सतना में चार-चार रेलवे पुल बनाए जाने हैं। उज्जैन जिले में बनने वाले सात ब्रिज में तीन शहर में और 4 अन्य स्थानों पर है। जिले में लालपूल, जयसिंहपुरा, फ्रीगंज समान्तर ब्रिज, नागदा में दो, बडऩगर और मक्सी में एक ब्रिज प्रस्तावित है।

निर्माण की जिम्मेदारी पीडब्ल्यूडी को…

पीडब्ल्यूडी से मिली जानकारी के अनुसार 54 आरओबी पश्चिम मध्य रेलवे, 32 पश्चिम रेलवे, छह उत्तर मध्य रेलवे, 12 दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे और एक आरओबी मध्य रेलवे जोन में बनाए जाने हैं। इनमें रेलवे, पीडब्ल्यूडी व अन्य विभागों द्वारा 76 आरओबी का निरीक्षण भी कर लिया गया है।

15 आरओबी की डीपीआर तैयार हो गई है। 105 में से पांच आरओबी टेंडर स्टेज तक पहुंच गए हैं। जल्द ही इनके लिए निविदा जारी की जाएगी। पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों ने बताया कि वर्ष 2021-22 के बजट में 105 आरओबी के लिए शासन से अनुमति मिली है। इनमें 22 आरओबी ऐसे भी शामिल हैं, जिन्हें पिछले वर्ष स्वीकृत प्रदान की गई थी। लेकिन बजट नहीं होने की वजह से इनका काम नहीं शुरु हो पाया है। अब जल्द ही इन सभी रेलवे पुलों के पीडब्ल्यूडी टेंडर जारी करेगा।

इनका कहना है….ब्रिज के लिए बजट में प्रावधान के बाद शासन स्तर पर स्वीकृति हुई है। एस्टीमेट बनाकर भेजे जा चुका है। प्रशासकीय स्वीकृति के बाद आगे की प्रक्रिया होगी।-एसके अग्रवाल, ईई सेतु निगम

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