मोदी कैबिनेट के अहम फैसले

81.35 करोड़ लोगों को एक साल और मिलेगा मुफ्त राशन; वन रैंक-वन पेंशन में भी बदलाव
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चावल 3 रु, गेहूं 2 रु और मोटा अनाज 1 रु./किलो की दर से
नई दिल्ली। केंद्रीय कैबिनेट ने शुक्रवार को अहम फैसले किए। गरीबों को मुफ्त राशन देने की योजना दिसंबर 2023 तक और बढ़ा दी गई है। इस पर करीब 2 लाख करोड़ रुपए खर्च होंगे। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून के तहत अभी 81.35 करोड़ लोगों को राशन दिया जा रहा है। साथ ही कैबिनेट ने सैन्य बलों के लिए वन रैंक वन पेंशन में संशोधन को भी मंजूरी दी। हालांकि जिन रक्षा कार्मिकों ने एक जुलाई 2014 के बाद अपनी इच्छा से सेवानिवृत्ति ली है, उन्हें यह लाभ नहीं मिलेगा।
केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने मीटिंग के बाद बताया कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत गरीबों को दिया जाने वाला अनाज अगले एक साल यानी दिसंबर 2023 तक मुफ्त दिया जाएगा। इससे केंद्र सरकार को 2 लाख करोड़ रुपए का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा। मार्च 2020 से लागू योजना को 7 चरणों में बढ़ाया जा चुका है। इसके पहले सितंबर में इसे तीन महीने बढ़ाया गया था।
केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर के मुताबिक संशोधन के बाद पेंशन योजना को जुलाई 2019 से जून 2022 तक का एरियर या बकाया भी दिया जाएगा। यानी कुल 23,638.07 करोड़ रुपए दिया जाएगा। एरियर का भुगतान चार छमाही किश्तों में किया जाएगा। इसका लाभ सभी डिफेंस फोर्सेस से रिटायर होने वाले और परिवार पेंशनधारकों को मिलेगा।
25 लाख पूर्व सैनिकों को फायदा
ह्रक्रह्रक्क का अर्थ समान रैंक और समान अवधि की सेवा के लिए समान पेंशन है। इसमें सेवानिवृत्ति की तारीख के कोई मायने नहीं रह जाते। यानी अगर किसी अधिकारी ने 1985 से 2000 तक 15 साल सशस्त्र बलों में सेवा दी और एक अन्य अफसर 1995 से 2010 तक सेवा में रहे, तो दोनों को समान पेंशन मिलेगी। इससे 25 लाख पूर्व सैनिकों को फायदा होगा।
सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने बताया कि एक जुलाई 2014 के बाद सेवानिवृत्त हुए सैनिकों को मिलाकर लाभार्थियों की संख्या 25 लाख पार हो चुकी है। इससे सरकार पर 8,450 करोड़ रु. का अतिरिक्त भार पड़ेगा।