Pariksha Pe Charcha 2023 : PM मोदी ने छात्रों से रचनात्मकता का अच्छे तरीके से उपयोग करने का आग्रह किया

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज लाखों छात्रों के साथ परीक्षा पर चर्चा की। दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में इस कार्यक्रम का आयोजन हुआ। मिली जानकारी के अनुसार इस बार 38 लाख छात्रों ने अपने रजिस्ट्रेशन कराया है। इस कार्यक्रम में शिक्षक और अभिभावक भी शामिल हैं।

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कार्यक्रम की शुरुआत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तालकटोरा स्टेडियम में परीक्षा पे चर्चा के 6वें संस्करण से संबंधित प्रदर्शनी का निरीक्षण किया। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि इस बार पहली बार इतनी ठंड में परीक्षा पर चर्चा कार्यक्रम हो रहा। हर साल यह कार्यक्रम फरवरी माह में होता है, लेकिन इस बार यह कार्यक्रम जनवरी में हो रहा है ताकि छात्र-छात्राओं को 26 जनवरी का भी फायदा मिल सकते।

प्रधानमंत्री मोदी ने छात्र छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि ‘परीक्षा पर चर्चा’ मेरी भी परीक्षा है और देश के कोटि-कोटि विद्यार्थी मेरी परीक्षा ले रहे हैं… मुझे ये परीक्षा देने में आनंद आता है। परिवारों को अपने बच्चों से उम्मीदें होना स्वाभाविक है, लेकिन अगर यह सिर्फ सामाजिक स्थिति बनाए रखने के लिए है, तो यह खतरनाक हो जाता है।

PM मोदी ने कहा सिर्फ परीक्षा के लिए नहीं वैसे भी जीवन में हमें समय के प्रबंधन के प्रति जागरूक रहना चाहिए। काम का ढेर इसलिए हो जाता है क्योंकि समय पर उसे नहीं किया। काम करने की कभी थकान नहीं होती, काम करने से संतोष होता है। काम ना करने से थकान होती है कि इतना काम बचा है।

PM नरेंद्र मोदी ने कहा कि मेहनती बच्चों को चिंता रहती है कि मैं मेहनत करता हूं और कुछ लोग चोरी कर अपना काम कर लेते हैं। ये जो मूल्यों में बदलाव आया है ये समाज के लिए खतरनाक है। अब जिंदगी बदल चुकी है जगत बहुत बदल चुका है।

आज हर कदम पर परीक्षा देनी पड़ती है। नकल से जिंदगी नहीं बन सकती है। केरल के एक छात्र ने जब सवाल पूछा कि हमें हार्ड वर्क करना चाहिए या स्मार्ट वर्क करना चाहिए तो प्रधानमंत्री मोदी ने प्यासे कौए और मटके में कंकड़ डालकर पानी पीने वाली कहानी सुनाकर समझाया कि हमें किस तरह से स्मार्टली हार्डवर्क करना है।

PM मोदी ने कहा कि एक बार आपने इस बात को स्वीकार कर लिया कि मेरी ये क्षमता है ये स्थिति है तो मुझे इसके अनुकूल चीजें खोजनी होगी। ज्यादातर लोग सामान्य होते हैं, असाधारण लोग बहुत कम होते हैं। सामान्य लोग असामान्य काम करते हैं और जब सामान्य लोग असामान्य काम करते हैं तब वे ऊंचाई पर जाते हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि आज दुनिया में आर्थिक तुलनात्मक में भारत को एक आशा की किरण के रूप में देखा जा रहा है।2-3 साल पहले हमारी सरकार के विषय में लिखा जाता था कि इनके पास कोई अर्थशास्त्री नहीं है सब सामान्य हैं,PM को अर्थशास्त्र के बारे में कुछ नहीं पता। जिस देश को सामान्य कहा जाता था वे आज चमक रहा है।

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