अक्षरविश्व न्यूज. उज्जैन:दिगम्बर जैन समाज के धर्मानुरागी, प्रवचनकार पं.विमलचंद झांझरी का गुरुवार सुबह निधन हो गया। अंतिम संस्कार चक्रतीर्थ मुक्तिधाम पर किया गया।
विमलचंद झांझरी कानजी स्वामी के श्रेष्ठतम शिष्यों में से एक थे। उन्होंने जीवन पर्यंत जिनेन्द्र भगवान की वाणी को प्रवचनों के माध्यम से देश विदेश में प्रचारित किया। देश के विभिन्न शहरों में आपकी प्रेरणा से कई आध्यात्मिक शिक्षण एवं स्वाध्याय शिविरों का आयोजन हुआ।
आपके द्वारा उज्जैन के श्री सीमंधर जिनालय क्षीरसागर में 60 वर्षों से जैनागम के प्रवचन अनवरत प्रसारित हो रहे थे। इसीजिनालय में आपकी सत प्रेरणा से बच्चों की वीतराग विज्ञान पाठशाला की स्थापना 1976 में हुई। आपके मार्गदर्शन में अंतरराष्ट्रीय संस्थान कुंद कुंद प्रवचन प्रसारण संस्थान स्थापना भी हुई।
धर्मानुरागी विमलचंद झांझरी दिगम्बर जैन नमकमंडी ट्रस्ट के पूर्व अध्यक्ष स्व.फूलचंद झांझरी के ज्येष्ठ पुत्र एवं प्रकाश झांझरी,स्व. ज्ञानभानु झांझरी,पं. प्रदीप झांझरी, सुकमल झांझरी के ज्येष्ठ भ्राता एवं अरिहंत झांझरी के पिताजी थे।