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बारिश के बीच आर्यिका दुर्लभमति माताजी ससंघ का चातुर्मास मंगल कलश स्थापना

सैकड़ों श्रावक श्राविकाओं ने आर्यिका संघ के श्री चरणों में विन्यांजलि समर्पित की

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अक्षरविश्व न्यूज. उज्जैन जोरदार बारिश, बादलों की गर्जन के बीच जैन समाज के अपार उत्साह, उमंग, उल्लास, श्रद्धा और भक्ति से भरपूर आर्यिका श्री 105 दुर्लभ मती माताजी ससंघ का चातुर्मास मंगल कलश स्थापना समारोह का आयोजन फ्रीगंज पंचायती मन्दिर में सफलता पूर्वक अपार जन समुदाय के बीच संपन्न हुआ। जिसमें सिर्फ उज्जैन के ही साधर्मी नहीं बल्कि देश भर से आए सैकड़ों श्रावक श्राविकाओं ने आर्यिका संघ के श्री चरणों में विन्यांजलि समर्पित कर अपनी भक्ति प्रगट की। हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं की उपस्तिथि ने समारोह को भव्य रूप प्रदान किया।

चार्तुमास समिति के सदस्यों ने बताया कि सामारोह का प्रारम्भ बालिका समूह के मंगलाचरण नृत्य से हुआ पश्चात् झंडावंदन करने का सौभाग्य देवेंद्र कांसल परिवार ने किया। उज्जैन दिगंबर जैन समाज की सभी प्रमुख संस्थानों के पदाधिकारीयों द्वारा बड़े ही भक्ति भाव से आचार्य श्री की पूजन कर अघ्र्य समर्पित किया गया जिसमें सभी भारत की विभिन्न संस्कृतियों को दर्शाया गया जिसे देख समाज जन मंत्र मुग्ध हो गए।

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चातुर्मास वर्षायोग स्थापना के प्रमुख कलशों की बोलियां लगाई गईं जिसमे प्रथम कलश जिनेंद्र कुमार, पंकज कुमार जैन, द्वितीय कलश रूपेंद्र, विजयेंद्र, धर्मेंद्र, धीरेंद्र सेठी तृतीय कलश नरेंद्र कुमार, प्रसन्न कुमार, नमन कुमार बिलाला, चतुर्थ कलश निर्मला, हितेश मनीषा जैन, पंचम कलश के नरेंद्र कुमार, गिरीश, कमल हितेश बडज़ात्या परिवार द्वारा लिया गया। इसके अलावा भी 51 कलश अन्य साधर्मियों द्वारा लिए गए। इस आयोजन में जैन बोर्डिंग जिनालय में विराजित आर्यिका श्री 105 कीर्ति श्री माताजी भी सामारोह में सम्मलित हुई।

पर्युषण के 10 दिनों में बच्चों की परीक्षाएं न रखी जाएं

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समारोह में उज्जैन उत्तर के विधायक अनिल कालूहेडा एवं नगर निगम सभापति कलावती यादव द्वारा माताजी को श्री फल समर्पित किया गया जिन्हें माताजी ने आशीर्वाद देते हुए पर्युषण के 10 दिनों में स्कूल के बच्चों की परीक्षाएं न रखी जाएं इस हेतु आग्रह किया क्योंकि उन दिनों जैन समाज एवं हिन्दू समाज पर्युषण एवं गणेश चतुर्थी पर धर्म आराधना में लगे रहते हैं। समारोह का संचालन दमोह से पधारें बाल ब्रह्मचारी अंकित भैया जी ने किया। समारोह के पश्चात् संपूर्ण जैन समाज के स्वामी वात्सल्य के पुण्यार्जन करने का सौभाग्य श्रवण कुमार, स्नेहलता सोगानी परिवार को मिला।

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