उज्जैन-इंदौर मेट्रो रेल के लिए सर्वे, शिप्रा नदी पर बनेगा ब्रिज

डीएमआरसी की टीम ने लवकुश चौराहा से महाकाल मंदिर के पास तक देखे स्पॉट
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अक्षरविश्व न्यूज:उज्जैन। सिंहस्थ 2028 से पहले मेट्रो रेल को इंदौर से उज्जैन तक चलाने की मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की घोषणा के तहत दिल्ली मुंबई मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (डीएमआरसी) ने प्रारंभिक सर्वे शुरू कर दिया है। इसकी रिपोर्ट के आधार पर मेट्रो का रूट तय होगा। उज्जैन शहर के पास शिप्रा नदी पर डीएमआईसी को अलग ब्रिज भी बनाना पड़ेगा।
मध्यप्रदेश सरकार ने इंदौर से उज्जैन तक मेट्रो रेल चलाने का निर्णय लिया है। सिंहस्थ 2028 में चार साल बाकी है। डीएमआरसी की रिपोर्ट के आधार पर यह भी साफ होगा कि कुंभ मेले से पहले रेल चलाई जा सकेगी या नहीं। डीपीआर जल्दी बनने और स्वीकृति के बाद काम शुरू होने पर ही यह योजना निर्भर करेगी।
बुधवार को डीएमआरसी की टीम ने डीपीआर बनाने के लिए इंदौर के लवकुश चौराहा से उज्जैन का वह स्थान देखा जहां तक ट्रेन चलाई जा सकेगी। टीम ने त्रिवेणी स्थित शनि मंदिर, लालपुल का भी निरीक्षण किया। टीम अभी उज्जैन में मुख्य स्टेशन के लिए स्थान तय करने की कवायद कर रही है।
डीएमआरसी देगी तकनीकी सलाह
डीएमआरसी इंदौर से उज्जैन और धार जिले के पीथमपुर तक दो मेट्रो रेल कॉरिडोर की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार करेगी। कुल 84 किलोमीटर की अनुमानित दूरी वाले इंदौर-उज्जैन और इंदौर-पीथमपुर दो कॉरिडोर में मेट्रो रेल सेवा के लिए तकनीकी सलाह डीएमआरसी देगी। इस परियोजना का पहला चरण प्रमुख स्थानों को जोडऩे पर केंद्रित होगा। विशेष रूप से उज्जैन में श्री महाकालेश्वर मंदिर और नानाखेड़ा बस स्टैंड से लेकर इंदौर में लवकुश चौराहे तक।
भारत में मेट्रो रेल का सफर
देश में पहली मेट्रो का संचालन 1984 में कोलकाता में शुरू हुआ था।
यह एकमात्र मेट्रो रेल नेटवर्क भी है, जिसे भारतीय रेलवे द्वारा नियंत्रित किया जाता है।
दिल्ली मेट्रो दूसरा सबसे पुराना नेटवर्क है, जो सबसे बड़ा है।
मेट्रो मैन भारतीय इंजीनियर ई. श्रीधरन ने दिल्ली मेट्रो स्थापित की थी।
15 शहरों में 835 किलोमीटर से अधिक का मेट्रो नेटवर्क है।
दुनिया का एकमात्र मेट्रो संग्रहालय दिल्ली के पटेल चौक में है।
इंदौर में करीब 33 किलोमीटर लंबी मेट्रो लाइन बिछाने का काम चल रहा है।