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दूध के कारोबार का नया साल

दूध की गुणवत्ता, भाव और सप्लाय का सालाना अनुबंध

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अक्षरविश्व न्यूज उज्जैन। बिजनेस सिस्टम कितना भी हाईटेक,एडंवास हो गया है,लेकिन ग्रामीण क्षेत्र से संचालित कारोबार आज भी अपनी परंपरा,तौर-तरीके से हो रहा है और इसी क्रम में १ सितंबर को दूध के कारोबार का नया साल प्रारंभ हुआ। ग्रामीण क्षेत्र के दूध उत्पादकों और विक्रेताओं ने रविवार को अपने दूध व्यवसाय का नया साल मनाया।

इस अवसर पर दूध उत्पादकों ने मवेशी,दूध उत्पादन संसाधनों,वाहनों का पूजन किया। वर्षों से दूध व्यवसाय कर रहे ग्राम गंगेड़ी के मलखान सिंह राठौर ने बताया कि १ सितंबर यानि दूध व्यवसाय का नया साल। इस दिन बड़े दूध उत्पादक और थोक विक्रेता के बीच दूध की गुणवत्ता,भाव और सप्लाय के लिए सालाना अनुबंध होता है। इसकी शर्तें भी तय की जाती है। गुण-दोष के आधार अन्य मुद्दों का निर्धारण भी किया जाता है।

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रविवार को दूध कारोबार के नए साल के अवसर पर ग्रामीण क्षेत्र में अनेक स्थानों पर पूजन-अर्चन के साथ एक-दूसरे का मुंह मीठा कराया गया। इसी प्रकार थोक दूध विक्रेता शुभम राठौर और गोपाल राठौर के मुताबिक कुछ वर्ष पहले तक सितंबर से फरवरी तक के खेरची दूध के भाव भी एक सितंबर को तय किए जाते थे। इसके बाद मार्च से अगस्त तक के भाव भी तय होते थे,लेकिन अब ऐसा नहीं होता है। हालांकि ग्रामीण क्षेत्रों दूध के कारोबार का नया साल फिलहाल कायम है।

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