महाकाल भस्मार्ती परमिशन के लिए मोबाइल से एडिट किया फोटो

साथ आए चार लोगों की ऑनलाइन परमिशन हुई थी, पुलिस ने केस दर्ज कर जमानत पर छोड़ा

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अक्षरविश्व न्यूज उज्जैन। मुंबई में रहने वाला आर्किटेक्ट अपने चार दोस्तों के साथ उज्जैन दर्शन के लिए आया था। इन्होंने भस्मार्ती परमिशन के लिए ऑनलाइन आवेदन किया। चार दोस्तों की परमिशन हो गई। बचे हुए एक युवक अपने मोबाइल से फोटो एडिट कर मंदिर में प्रवेश की कोशिश की। उसे सुरक्षाकर्मियों ने पकड़ा और महाकाल थाने पहुंचाया। पुलिस ने उसके खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज कर जमानत पर छोड़ दिया।

यह था मामला
मुंबई महाराष्ट्र निवासी रौनक परमार आर्किटेक्ट है। वह अपने चार दोस्तों के साथ 21 मार्च को उज्जैन दर्शन करने आया। 21-22 मार्च की रात भस्मार्ती के लिए पांच लोगों ने ऑनलाइन आवेदन किया। इनमें से 4 लोगों की परमिशन हो गई लेकिन रौनक की परमिशन नहीं हुई। रौनक ने अपने मोबाइल से परमिशन की रीसिप्ट को स्कैन कर उसमें स्वयं का फोटो एडिट कर लिया और दोस्तों के साथ भस्मार्ती के लिए महाकाल लोक में त्रिनेत्र कंट्रोल रूम के नीचे परमिशन चैकिंग पाइंट पर पहुंचा। यहां केएसएस के कर्मचारी केशव परिहार ने जांच की तो पता चला कि रौनक ने फर्जी फोटो लगाया है। कर्मचारी ने इसकी जानकारी भस्मार्ती प्रभारी आशीष दुबे को दी। दुबे ने रौनक को महाकाल थाने पहुंचाया व प्रशासक को सूचना दी।
रुपए लेकर दर्शन कराने वाले फरार 4 आरोपियों का सुराग नहीं

दिसंबर माह में महाकाल थाना पुलिस ने रुपए लेकर दर्शन कराने के मामले की जांच कर एक दर्जन से अधिक आरोपियों को गिरफ्तार किया था। इसी मामले में चार आरोपी अब भी फरार हैं। पुलिस अधीक्षक प्रदीप शर्मा द्वारा इनकी गिरफ्तारी पर 10 हजार रुपए के इनाम की घोषणा भी की गई है लेकिन इनका कोई सुराग पुलिस के हाथ नहीं लगा। खास बात यह कि महाकाल थाना पुलिस ने 90 दिन जांच के बाद कोर्ट में चालान भी पेश कर दिया है जिनमें मंदिर समिति के कर्मचारी मुख्य आरोपी हैं और वर्तमान में केन्द्रीय जेल भैरवगढ़ में हैं।

जमानती धारा में दर्ज हुआ था केस
पुलिस ने बताया कि मंदिर समिति की ओर से मिले पत्र के आधार पर रौनक के खिलाफ धारा 318-4 बीएनएस के तहत केस दर्ज किया गया है। उसने पूछताछ में स्वीकार किया कि अपने ही मोबाइल से फोटो एडिट कर भस्मार्ती के लिए मंदिर में प्रवेश करने की कोशिश की थी। उसके साथ आए दोस्तों ने भी अपनी गलती मानी। पुलिस ने रौनक को जमानत के बाद छोड़ दिया।

दो दिन पहले भी दर्ज हुआ था केस
उक्त घटना के दो दिन पहले भी मंदिर कर्मचारियों ने श्याम सिंह व सरोज देवी के नाम से नोएडा निवासी मुकुल पिता विजेंद्र सिंह कसना और उनकी पत्नी चीनू भाटी को फर्जी आधार कार्ड से भस्मार्ती में प्रवेश करते पकड़ा था। उक्त दंपत्ति के खिलाफ भी महाकाल थाना पुलिस ने केस दर्ज किया। उन्होंने पूछताछ में बताया था कि आधार कार्ड में फोटो एडिट कर भस्मार्ती के लिए मंदिर में प्रवेश का प्रयास कर रहे थे। दंपत्ति को पुलिस ने जमानत के बाद छोड़ा था।

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