बाबा केदारनाथ के कपाट खुले, 108 क्विंटल फूलों से सजाया गया धाम

आज 2 मई 2025 को सुबह सात बजे वृष लग्न में उत्तराखंड के पहाड़ों में स्थित केदारनाथ मंदिर के कपाट भक्तों के दर्शनार्थ खोल दिए गए. मंदिर के कपाट खुलने से पहले ही हमेशा की तरह इस बार भी भक्तों की भीड़ पहले ही महादेव के दर्शन के लिए खड़ी थी. इस शुभ अवसर पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी श्री केदारनाथ धाम परिसर में मौजूद थे.

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ये भगवान शिव को समर्पित बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक है और यह उत्तराखंड में स्थित चार धाम यात्रा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है. हर साल सर्दियों में भारी बर्फबारी के कारण मंदिर के कपाट बंद कर दिए जाते हैं और अक्षय तृतीया के पावन पर्व के आसपास शुभ मुहूर्त देखकर इसे फिर से खोला जाता है. कपाट खुलने की प्रक्रिया में विभिन्न पारंपरिक अनुष्ठान शामिल होते हैं, जिसमें बाबा केदार की चल विग्रह डोली का उनके शीतकालीन प्रवास स्थल, उखीमठ के ओंकारेश्वर मंदिर से केदारनाथ धाम तक का सफर शामिल है.

कपाट खुलने के साथ ही हजारों श्रद्धालु बाबा केदार के दर्शन के लिए धाम पहुंचते हैं. इस शुभ अवसर के लिए मंदिर और उसके आसपास के परिसर को भव्य रूप से सजाया गया है. धाम को सजाने के लिए लगभग 108 क्विंटल फूलों का इस्तेमाल किया गया है. केदारनाथ धाम रुद्रप्रयाग जिले में समुद्र तल से 11,000 फुट से अधिक ऊंचाई पर स्थित है.

मंदिर को सजाने में जुटे स्वयंसेवकों की टीम का नेतृत्व कर रहे गुजरात के वडोदरा निवासी सृजल व्यास ने बताया कि सजावट के लिए गुलाब और गेंदा समेत 54 प्रकार के फूलों का इस्तेमाल किया गया है. उन्होंने बताया कि ये फूल दिल्ली, कश्मीर, पुणे, कोलकाता और पटना के अलावा नेपाल, थाईलैंड और श्रीलंका से लाए गए हैं. व्यास ने बताया कि गेंदे के फूल विशेष रूप से कोलकाता के एक खास गांव से लाए जाते हैं, क्योंकि स्थानीय किस्म के विपरीत ये जल्दी मुरझाते नहीं हैं और औसतन 10-15 दिनों तक ताजा बने रहते हैं.मंदिर के सौंदर्यीकरण के काम में पश्चिम बंगाल के 35 कलाकारों ने भी मदद की है. सर्दियों के दौरान उखीमठ के ओंकारेश्वर मंदिर में रखी जाने वाली भगवान शिव की मूर्ति फूलों से सजी पालकी में गौरीकुंड से रवाना होकर केदारनाथ धाम पहुंच गई है.

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