दो विभागों के बीच झूल रहा महाकाल लोक का अंडरपास!

उज्जैन। हरिफाटक ओवरब्रिज के नीचे से महाकाल महालोक तक अंडरपास बनाने का प्रोजेक्ट दो विभागों के बीच झूल रहा है। पीडब्ल्यूडी और एमपीआरडीसी दोनों विभाग इससे पल्ला झाडऩे की कोशिश कर रहे। नतीजा यह कि प्रोजेक्ट अभी तक अधर में है।

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हरिफाटक ओवरब्रिज के नीचे एकता नगर और देवता कॉलोनी से होते हुए महाकाल मंदिर के महालोक तक अंडरपास बनाने की योजना सिंहस्थ 2028 के मद्देनजर बनाई गई है। इससे लोग भीड़ से बचते हुए सीधे महाकाल लोक तक पहुंच सकते हैं। करीब एक किलोमीटर लंबी रोड बनने से ही श्रद्धालुओं को यह सुविधा मिल सकती है।

नगर निगम को सबसे पहले इसके सर्वे का काम सौंपा गया था, लेकिन बाद में मुख्य सचिव की बैठक में निगम से इसके सहित ब्रिज के काम वापस लेने का निर्णय किया गया। उसके बाद से यह प्रोजेक्ट एमपीआरडीसी और पीडब्ल्यूडी ब्रिज के बीच झूल रहा है। दोनों विभाग के अधिकारियों का कहना है यह प्रोजेक्ट उनके पास नहीं है। ओवरब्रिज के नीचे से महाकाल महालोक के बीच रेलवे पटरी है, जिसके नीचे से अंडरपास बनाने के लिए रेलवे भी तैयार है, लेकिन विभाग का निर्णय न हो पाने से योजना भी अधर में है।

अंडरपास बनाने का काम बहुत छोटा है, लेकिन इसके मार्ग के अतिक्रमण और मकान हटाना टेढ़ा काम है। इसी कारण कोई विभाग इस काम को करने में रुचि नहीं ले रहा।

केवल ब्रिज का काम: हमारे पास केवल हरिफाटक ओवरब्रिज के चौड़ीकरण का काम है। अंडरपास की योजना पीडब्ल्यूडी के पास हो सकती है।
एसके मनवानी, संभागीय महाप्रबंधक, एमपीआरडीसी

सर्वे किया था: अंडरपास का काम कुछ समय पहले सौंपा गया था। इसका प्रारंभिक सर्वे भी किया था, लेकिन यह काम हमें विधिवत सौंपा नहीं गया है।
पीएस पंत, कार्यपालन यंत्री पीडब्ल्यूडी ब्रिज

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