अटल अनुभूति पार्क में जाने वाले सावधान अब शाम को प्रवेश के लिए 15 रु. देना पड़ेंगे

नगर निगम का बेतुका निर्णय सीनियर सिटीजन की उम्र 65 बताई
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मार्निंग वॉक पर जाने वालों को छूट दी है
पार्क में पीने के पानी की व्यवस्था नहीं
जुगाड़ से बनाए गए बच्चों के झूले टूटे
साफ-सफाई नहीं होती, पत्ते पड़े रहते हैं
अक्षरविश्व न्यूज | उज्जैन। नगर निगम को अपनी आर्थिक स्थिति मजबूत करने के लिए अटल अनुभूति पार्क ही मिला है। अब तक इस पार्क में किसी भी प्रकार का शुल्क नहीं लगता था। अब यदि कोई व्यक्ति शाम के समय पार्क में जाएगा तो उसे 15 रुपए का भुगतान करना पड़ेगा। नगर निगम ने इस आशय का बोर्ड भी पार्क में लगा दिया है। इस बोर्ड को पढ़ कर वे लोग हैरत में हैं जो शाम के समय इस पार्क में तफरीह करने जाते हैं।
पार्क आसपास बनी कॉलोनियों के अलावा दूरस्थ कॉलोनियों के लोग और सीनियर सिटीजन भी इस पार्क में शाम के समय आते हैं और कुछ देर बतियाते हैं। सेहत सुधारने के लिए लोग पार्क में ताजी हवा का आनंद लेते हैं।
अब उन्हें प्रतिदिन पंद्रह रुपए चुकाना होंगे। यदि राशि नहीं दी जाती है तो पार्क में प्रवेश नहीं मिलेगा। नगर निगम के इस निर्णय का विरोध भी शुरू हो गया है। लोगों का कहना है कि नगर निगम को यदि अपनी आर्थिक स्थिति मजबूत करना है तो कई तरीके हैं जहां से नियमानुसार वसूली हो सकती है। पार्क में शुल्क लगाना किसी के गले नहीं उतर रहा है।
सरकार ने 60 साल वालों को माना है सीनियर सिटीजन
न गर निगम के बोर्ड के अनुसार नगर निगम के कर्ता-धर्ताओं ने सीनियर सिटीजन की उम्र 65 साल मानी है। सरकार ने 60 साल की उम्र के व्यक्ति को सीनियर सिटीजन माना है। इसी उम्र के मान से उन्हें तमाम सुविधाएं दी जा रही हैं। रेलवे ने 60 साल के व्यक्ति को सीनियर सिटीजन मानते हुए टिकट में बेशक कटौती समाप्त कर दी है लेकिन उन्हें बोगी में लोअर सीट की सुविधा मुहैया कराई है।
रेलवे का प्रयास भी रहता है कि यदि सीनियर सिटीजन ने टिकट लिया है और प्रतीक्षा सूची में है तो कन्फर्म होने की गुंजाइश ज्यादा रखी है। इसी प्रकार सभी बैंकों ने साठ साल के व्यक्ति को सीनियर सिटीजन मानते हुए एफडी पर ब्याज भी ज्यादा देने की योजना लागू की है। इसी प्रकार अन्य विभाग भी साठ साल के व्यक्ति को ही सीनियर सिटीजन मानते हैं।
नगर निगम के बोर्ड पर लिखा गया कि यदि 65 साल से ज्यादा उम्र का व्यक्ति पार्क में प्रवेश करता है तो उससे शुल्क नहीं लिया जाएगा। पांच साल से कम आयु के बच्चों के प्रवेश नि:शुल्क रहेगा। यानी बच्चा पांच साल से ज्यादा का है तो उसे भी पंद्रह रुपए देना होंगे। दिव्यांगों के लिए कोई शुल्क नहीं लगेगा। सुबह की सैर करने वालों के लिए कोई शुल्क नहीं लगेगा। शाम पांच बजे से नौ बजे के बीच जो लोग पार्क में जाएंगे उन्हें शुल्क देना पड़ेगा।
पेंशनरों ने किया विरोध
प्रमुख पेंशनर्स एसोसिएशन ने नगर निगम के इस निर्णय का विरोध किया है। पेंशनरों ने कहा कि इस निर्णय से सेहत के प्रति जागरुक लोग पार्क में जाने से वंचित रह जाएंगे। सरकार स्वास्थ्य सुधार की दिशा में प्रयास कर रही है। कई योजनाएं लागू की गई हैं। सरकार चाहती है लोगों का स्वास्थ्य ठीक रहे। प्रदेश की मोहन सरकार ने तो सेहत सुधार की दिशा में योग को बढ़ावा दिया है। पार्क में जाकर लोग योग करते हैं, प्राणायाम करते हैं। यदि शुल्क लगा दिया जाएगा तो वे योग के लिए कहां जाएंगे।
एसोसिएशन के उपप्रांताध्यक्ष शमशेर सिंह तोमर, मीडिया प्रभारी डॉ.स्वामीनाथ पांडे, चंद्रशेखर जोशी, सत्यपाल सिंह सिकरवार, प्यारेलाल पालीवाल, अशोक दुबे, सुभाष व्यास एवं सेजमल कछवाय ने कहा कि नगर निगम ने साठ साल के व्यक्ति को सीनियर सिटीजन नहीं माना, यह निर्णय गले नहीं उतरा। यह हास्यास्प्रद निर्णय है। नगर निगम ने किस मान से 65 साल के व्यक्ति को सीनियर सिटीजन माना है यह समझ से परे है। नगर निगम को यह निर्णय वापस लेना चाहिए।
महापौर से बात करेंगे- तिवारी
एमआइसी मेंबर एवं नगर निगम के उद्यान प्रभारी शिवेंद्र तिवारी का कहना है कि सदन की बैठक में ठहराव, प्रस्ताव हुआ था। उसी आधार पर शाम के समय शुल्क लगाया गया है। पार्क में सुधार कार्य चल रहा है। उसे और सुंदर बनाएंगे। 65 साल की उम्र के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि उन्हें इस बात की जानकारी नही है। इस संबंध में महापौर से बात करेंगे।