युवा इंजीनियर हादसा: सोशल मीडिया पर स्ट्रीट डॉग पर भडक़े लोग

बोले- सरकार डॉग शेल्टर बनाए, लोग हेलमेट लगाएं
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अक्षरविश्व न्यूज उज्जैन। एमआर-2 (देवास-इंदौर बायपास) पर होटल अवंतिका के सामने सडक़ हादसे में सॉफ्टवेयर इंजीनियर जय श्रीवास्तव की मौत के बाद सोशल मीडिया पर लोगों का गुस्सा स्ट्रीट डॉग और खराब सडक़ों पर पर भडक़ गया है। लोगों ने कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि सरकार को डॉग शेल्टर बनाने चाहिए और सडक़ों की हालत ठीक करनी चाहिए। जय श्रीवास्तव की तीन दिन पहले उस वक्त मृत्यु हो गई थी, जब वह इंदौर स्थित ऑफिस जाने के लिए बस पकडऩे के लिए नानाखेड़ा बस स्टैंड जा रहे थे।
उनकी एक्टिवा के सामने अचानक एक स्ट्रीट डॉग आ गया था और उसे बचाने के लिए उन्होंने जोर से ब्रेक लगाया था। ऐसे में वह एक्टिवा से फिंका गए थे और पीछे से आई जीप का पहिया उनके सिर पर चढ़ गया था। हादसे में जय के पिता विजय भी बुरी तरह घायल हुए हैं। 1.42 लाख फॉलोवर्स वाले अक्षरविश्व के इंस्टापेज पर घटना को लेकर पोल किया तो इसमें सुझाव और कमेंट्स भी खूब आए।
पोल में थे यह सवाल
- स्ट्रीट डॉग समस्या पर सुप्रीमकोर्ट गाइडलाइन पर पुनर्विचार करे और इन्हें सडक़ों से हटाएं।
2. हेलमेट का उपयोग सख्ती से हो।
3. शहर की ट्रैफिक व्यवस्था में सुधार हो।
लोगों के यह कमेंट्स आए
वाहन चलाते समय मोबाइल फोन के उपयोग पर प्रतिबंध लगा देना चाहिए। तरूण जी नाम के फॉलोवर्स के इस विचार का 13 लोगों ने समर्थन किया।
अतुल पाल ने सबसे पहले रोड ठीक करने की बात की। ६ लोगों ने उनके कमेंट्स को लाइक किया।
रेलिडिक्ट नाम के फॉलोवर्स ने उज्जैन में स्ट्रीट डॉग शेल्टर होम की जरूरत बताई।
संध्या नीमा नामक फॉलोवर्स ने कहा कि जितने भी स्ट्रीट डॉग लवर हैं, उनके घरों पर एक-एक स्ट्रीट डॉग भेज देना चाहिए। उनकी बात का 8 लोगों ने समर्थन किया।
महेश विश्वकर्मा नाम के फॉलोवर्स ने लिखा उज्जैन के खराब ट्रैफिक पर चिंता जताई। रात में ड्रिंक करके ड्राइव करने वालों पर उन्होंने कार्रवाई का सुझाव दिया। ११ लोग उनके सुझाव से सहमत दिखे।
उज्जैन लव इन एयर शिवशक्ति नाम के फॉलोवर्स ने कहां कि सभी विभागों में भर्तियां होनी चाहिए। निजी कंपनियों के भरोसे प्रशासनिक व्यवस्थाएं विकलांग हो रही हैं। आम इंसान जान से हाथ धो रहा है।
सुनील सोन ने हेलमेट पहनकर गाड़ी चलाने का सुझाव दिया।
मित्रहुल ने लिखा रोड बेहतर किए जाए, कैमरे से चालान काटने से कुछ नहीं होगा। पुलिस विभाग में भर्ती की जाए।
भदौरिया ने लिखा वाहनचालक हेलमेट पहनें, स्ट्रीट डॉग्स के लिए फूड पाइंट बनाए जाएं।
सुमितबन का कहना है कि गाडिय़ों की स्पीड पर प्रतिबंध होना चाहिए। नानाखेड़ा के सी-२१ मॉल के सामने स्पीड ब्रेकर बहुत जरूरी है।
आदित्य सक्सेना ने स्पीड कंट्रोल, सीसीटीवी निगरानी, रिफ्लेक्टर बोर्ड और ट्रैफिक नियमों के सख्ती से पालन पर जोर दिया।
रौनक मेहरा ने शहरी क्षेत्र में अधिक स्पीड से कार दौड़ाने वालों पर सख्त कार्रवाई करने का सुझाव दिया। ऐसे लोगों पर सीसीटीवी से नियंत्रण करने की सलाह भी दी।
श्याम जोशी का कहना है कि हेलमेट के लिए सिर्फ खानापूर्ति नहीं होना चाहिए, सख्ती से इसका पालन कराना चाहिए।
हितेश सिंह तोमर ने हर 200 मीटर पर स्पीड ब्रेकर होने का सुझाव दिया।
आदर्श 706 का कहना है कि स्ट्रीट लाइट पूरे समय चालू रहना चाहिए। स्पीड की लिमिट तय होनी चाहिए। रंबल स्ट्रीप होनी चाहिए। सीसीटीवी कैमरों से निगरानी होनी चाहिए। सबसे बड़ी बात टू व्हीलर के लिए अलग लेन होनी चाहिए।
शाहवाज अली लिखते हैं कि रोड चौड़े करना चाहिए ओर डिवाइडर बनाना चाहिए।
दीपिका शर्मा का कहना है कि बड़े वाहन तेज स्पीड में चलते हैं। इनके चालक टू-व्हीलर वालों को कट मारते हैं। इन पर रोक लगानी चाहिए।
रिशु गौतम लिखते हैं कि अपडाउन से बचना चाहिए।
मनीष डोडिया का कहना है कि टू-व्हीलर और फोर व्हीलर की स्पीड तय होनी चाहिए। अगर कोई भी स्पीड का उल्लंघन करता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।
अल्ताफ मेव कहते हैं स्ट्रीट डॉग को हटाना चाहिए।
आशीष तोमर कहते हैं कि कुत्ते लवर अब कहां हैं, क्या उनके मुंह में दही जम गया है। सामने वाले पर क्या गुजरती है, जाकर देखो।
देव मालवीय बेहद उत्तेजित अंदाज में लिखते हैं स्ट्रीट डॉग को हटवाना चाहिए। परिधि का भी यही सुझाव है।









