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उज्जैन-जावरा के बीच एक्सेस कंट्रोल फोरलेन हाईवे का प्रोजेक्ट प्रस्तावित

सिंहस्थ से पहले पूरा करने का टारगेट

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दिल्ली-मुंबई का सफर आसान करने की कवायद

 

दूसरे राज्यों के लिए मिलेगी कनेक्टिविटी

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अक्षरविश्व न्यूज उज्जैन। प्रदेश सरकार सिहंस्थ 2028 से पहले उज्जैन-जावरा के बीच एक्सेस कंट्रोल फोर लेन हाईवे का निर्माण करने जा रही है। इस प्रोजेक्ट के माध्यम से उज्जैन से दिल्ली और मुंबई का सफर न केवल आसान हो जाएगा बल्कि औद्योगिक गतिविधियों में भी बढ़ोतरी होगी। एक्सेस कंट्रोल फोर लेन हाईवे प्रदेश में अपनी तरह का पहला प्रोजेक्ट होगा। उज्जैन में होने वाले सिंहस्थ की दृष्टि से महत्वपूर्ण होगा।

मध्य प्रदेश का पहला एक्सेस कंट्रोल फोर लेन उज्जैन-जावरा हाईवे बनाने की कवायद शुरू हो गई है। हाइवे मप्र से होकर गुजर रहे दिल्ली मुंबई सुपर एक्सप्रेस वे को उज्जैन से जोड़ेगा। इसके दोनों ओर यात्रियों की सुविधा के लिए फूड प्लाजा समेत अन्य सुविधाएं होगी। इसके बनने से सबसे अधिक लाभ सिंहस्थ आने-जाने वाले लोगों को होगा। उज्जैन-जावरा सड़क बनने से दिल्ली-मुंबई की यात्रा मात्र 10 घंटे में पूरी हो जाएगी, वहीं हरियाणा, राजस्थान, गुजरात और महाराष्ट्र से उज्जैन की कनेक्टिविटी अच्छी हो जाएगी।

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गरोठ में दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे का होगा जंक्शन

बता दें कि मंदसौर जिले के गरोठ में ही दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे का जंक्शन बनाया जा रहा है। देश के सबसे लंबे 1,350 किमी के दिल्ली-मुंबई आठ लेन एक्सप्रेस-वे में 102 किलोमीटर मंदसौर, 90 किलोमीटर रतलाम और 52 किलोमीटर सड़क मार्ग झाबुआ से होकर गुज रही है। एक्सप्रेस-वे के इस भाग में सात स्थानों पर एक्सप्रेस-वे से जुडऩे के लिए इंटरचेंज दिए गए हैं। इनमें से एक इंटरचेंज जावरा के पास भूतेड़ा पर स्थित है। इस मार्ग के बनने से क्षेत्र के औद्योगिक विकास एवं अर्थव्यवस्था में सुधरेगी। इस एक्सप्रेस-वे से इंदौर उज्जैन और उज्जैन जावरा मार्ग को जोड़ा जाएगा।

जल्द ही भू-अर्जन के लिए सर्वे

एक्सेस कंट्रोल फोर लेन हाईवे के कुल पांच हजार 17 करोड़ रुपये के इस प्रोजेक्ट के लिए जल्द ही सर्वे कर भू-अर्जन की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। सड़क का निर्माण इस तरह से किया जाएगा कि इसे भविष्य में आठ लेन किया जा सके। 10 मीटर चौड़े इस सड़क मार्ग को पेव्हड शोल्डर ग्रीनफील्ड फोर लेन हाइब्रिड एन्युटी मॉडल (एचएएम) पर बनाया जाएगा, इसका आशय यह है कि सड़क किनारे ब्लॉक लगाए जाएंगे। मार्ग पर सात बड़े पुल, 26 छोटे पुल, 270 पुलिया, पांच फ्लाई ओवर, दो रेलवे ओवरब्रिज बनाए जाएंगे। एक्सेस कंट्रोल फोरलेन पर जगह-जगह अंडर पास (सब-वे) होने से कहीं से भी कोई वाहन इस मार्ग पर नहीं आ सकेंगे। इससे दुर्घटना की आशंका कम हो जाएगी।

प्रोजेक्ट हाइब्रिड एन्यूटी मोड पर होगा

एक्सेस कंट्रोल फोर लेन हाईवे प्रोजेक्ट को लेकर मप्र रोड डेवलपमेंट कार्पोरेशन भोपाल स्तर पर प्रोसेस चल रही है। यह प्रोजेक्ट हाइब्रिड एन्यूटी मोड पर किया जाएगा। -एसके मनवानी, महाप्रबंधक एमपीआरडीसी उज्जैन

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