फूल-प्रसादी बेचने वालों की दादागिरी… ‘हम से प्रसाद लो, तो गाड़ी खड़ी करें वरना नुकसान होगा’
अक्षरविश्व न्यूज. उज्जैन:महाकाल मंदिर-काल भैरव मंदिर के बाहर तो फूल-प्रसादी बेचने वालों की मनमानी, दादागिरी, श्रद्धालुओं से अभद्रता और विवाद के मामले आए दिन सामने आते रहते है। मंगलनाथ मंदिर के बाहर भी ऐसी हरकत होने लगी है। फूल-प्रसादी बेचने वाले श्रद्धालुओं से झगड़ा करने में पीछे नहीं है।
मंगलनाथ मंदिर के मुख्य द्वार पर बाहर की ओर मंदिर समिति द्वारा पक्की दूकानें बनाकर दी गई है। इनके बाहर पोर्च भी दिया गया है,ताकि श्रद्धालुओं को खड़े रहने में दिक्कत नहीं हो,लेकिन दुकान संचालकों ने मनमानी मचा रखी है। दुकाने तो खाली रखी जाती है और समान दुकान से बाहर रखकर बेचा जाता है। ऐसे में श्रद्धालुओं को पोर्च में खड़े होने की जगह नहीं मिलती है। इनता ही नहीं दुकानों से दूर सड़क किनारे गाड़ी भी खड़ी नहीं करने दी जाती है। लोगों का कहना है कि ऐसा ही चलता रहा तो किसी भी दिन मंगलनाथ मंदिर के बाहर ‘अमंगल’ हो सकता है।
इनका कहना
उच्च अधिकारियों को इस स्थिति से कई मर्तबा अवगत कराया जा चुका है। चेतावनी और कार्रवाई के बाद भी दुकानदार अभद्रता और मनमानी करते है। – केके पाठक, प्रशासक मंगलनाथ मंदिर समिति।
कर दो शिकायत कुछ होने वाला नहीं है….
फूल-प्रसादी बेचने वाले अपना सामान तो दुकान के बाहर रखते है,लेकिन किसी को खड़े नहीं रहने देते,गाड़ी रखने पर भी विवाद श्रद्धालुओं से विवाद करते है। मंगलवार दोपहर को कुछ श्रद्धालु दर्शन के लिए मंगलनाथ मंदिर आए थे। अपनी कार सड़क किनारे एक दुकान के सामने पार्क कर अन्य साथियों का इंतजार करने लगे। इस बीच दुकानदार आया और फूल-प्रसादी की टोकरी थमाने लगा। श्रद्धालुओं ने ने कहा कि फूल प्रसाद की आवश्यकता नहीं है।
अन्य आने वाले साथियों का इंतजार कर रहे है। इस पर दुकानदार ने श्रद्धालुओं से अभद्रता करते हुए कहा कि मेरे से प्रसाद नहीं लेना है,तो यहां खड़े भी मत रहो। श्रद्धालु जब वहा से जाने लगे तो दुकानदार ने धमकी भरे लहजे में कहा कि ‘हम से प्रसाद लो, तो गाड़ी खड़ी करें वरना नुकसान होगा।
श्रद्धालुओं ने दुकानदार से कहा कि गाड़ी नहीं हटाने पर क्या कर लेंगे..? दुकानदार ने धमकी देते हुए कहा कि दर्शन कर आओ,पता चल जाएगा। दुकानदार की धमकी के बाद श्रद्धालु वहां मौजूद अन्य लोगों की समझाईश के बाद चले गए और गाड़ी भी हटा ली। श्रद्धालु ने जाते-जाते मामले की शिकायत करने का कहा तो दुकानदार का कहना था,जिससे शिकायत करना है कर देना,मेरा कुछ नहीं बिगडऩे वाला है।