Baikunth Chaturdashi 2020 : इस दिन इन उपायों से करें भगवान विष्णु को प्रसन्न, सफलता और तरक्की के खुल जाएंगे द्वार

By AV NEWS

अगर इस बैकुंठ चतुर्दशी पर आप भी प्राप्त करना चाहते हैं भगवान विष्णु की विशेष कृपा तो ये कुछ खास उपाय आप अपना सकते हैं और कर सकते हैं हरि नारायण को प्रसन्न.

कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी को बैकुठ चतुर्दशी(Baikunth Chaturdashi) के नाम से जाना जाता है. जिसका धार्मिक दृष्टि से बहुत ही महत्व होता है. ये दिन विशेष रूप से भगवान विष्णु(Lord Vishnu) और भगवान शिव को समर्पित होता है. इसलिए इस दिन इनकी उपासना से विशेष शुभ फलों की प्राप्ति की जा सकती है.

बैकुंठ चतुर्दशी के उपाय(Baikunth Chatudashi Ke Upay)

विष्णु सहस्त्रनाम का करें पाठ

इस दिन अगर आप विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करेंगे तो आपको कई गुना फल प्राप्त होगा. सुबर सभी कामों को निपटाकर भगवान विष्णु के समक्ष घी का दीपक जलाएं और फिर पाठ करें. आपके जीवन में खुशहाली आएगी.

केसर का तिलक

केसर भगवान विष्णु को सर्वाधिक प्रिय है इसीलिए इस दिन पूजा के दौरान माथे पर केसर का तिलक लगाकर हरि नारायण की विशेष कृपा प्राप्त की जा सकती है. वहीं हर घर में केसर हो ये मुमकिन नहीं होता ऐसे में आप हल्दी का इस्तेमाल कर सकते हैं. हल्दी बड़ी ही आसानी से हर घर में ज़रुर मिल ही जाती है.

शीघ्र विवाह के लिए आज़माए ये टोटका

अगर आपकी शादी में किसी तरह की रुकावटें आ रही हैं या फिर शादी का योग ही नहीं बन रहा है तो बैकुंठ चतुर्दशी के दिन भगवान विष्णु और लक्ष्मी की प्रतिमा रखें. पूजा करें, और फिर चुपके से उस तस्वीर या मूर्ति के पीछे हल्दी की पुड़िया छिपा कर रख दें. इससे आपका विवाह जल्द ही होगा.

हल्दी की माला से जाप

इस दिन भगवान विष्णु के समक्ष उनके मंत्र का जाप करना शुभ फलदायी होता है. लेकिन अगर आप ये मंत्र जाप हल्दी की माला से करेंगे तो और भी अच्छा माना जाता हैं. कहते हैं इससे बुद्धि तीव्र होती है.

पीले रंग का इस्तेमाल

भगवान विष्णु को पीला रंग सबसे ज्यादा प्रिय होता है इसीलिए इस दिन ज्यादा से ज्यादा पीले रंग की चीजों का ही इस्तेमाल करें. जैसे नारायण को पूजा के दौरान पीले रंग के कपड़ों पर ही विराजमान करवाएं. खुद भी पीले रंग धारण करें, हल्दी की माला से जाप करें, पूजा के बाद सूर्यदेव को जल अर्पित करते हुए लोटे में एक चुटकी हल्दी डाल दें. पीली मिठाई का भोग भगवान को लगाएं. इससे विशेष कृपा हासिल की जा सकती है.

इस मंत्र से करें बैकुंठ चतुर्दशी की पूजा

जिस मंत्र का उच्चारण बैकुंठ चतुर्दशी के दिन सबसे अहम माना गया है वो है –

कर्पूरगौरं करुणावतारं संसारसारं भुजगेन्द्रहारम् ।

सदा बसन्तं हृदयारबिन्दे भबं भवानीसहितं नमामि ।।

कहा जाता है कि इस मंत्र का उच्चारण भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए स्वंय भगवान विष्णु ने किया था. और भगवान शिव की आराधना कर उन्हें प्रसन्न किया था. चूंकि बैकुंठ चतुर्दशी पर हरि(विष्णु) और हर(शिव) की ही विशेष रूप से पूजा होती है इसीलिए इस मंत्र का उच्चारण सर्वश्रेष्ठ माना गया है. जिससे आप दोनों ही शक्तियों को एक साथ प्रसन्न कर सकते हैं.

क्या है इस मंत्र का अर्थ

ये मंत्र संस्कृत में है जिसे खुद भगवान विष्णु ने शिव की स्तुति के लिए कहा था. वहीं अगर हिंदी में इस मंत्र का अर्थ जानना चाहे तो इसका अर्थ है करुणा के साक्षात् अवतार जो गले में सांपो की माला रखते हैं और शिव जो सदैव पार्वती के साथ मेरे ह्द्य में रहते हैं उन्हें मैं बार बार नमन करता हूं.

यानि इस मंत्र से भगवान शिव को आराधना का पहला संदेश भेजा जाता है.

मंत्र जाप के अलावा करें विशेष उपाय

इस दिन मंत्र जाप के अलावा भगवान विष्णु और शिवजी के समक्ष कुछ विशेष उपाय भी किए जा सकते हैं. ताकि इनका आशीर्वाद प्राप्त कर घर में सुख , समृद्धि व खुशहाली की स्थापना हो सके

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