रामकृष्ण मिशन सचिव के कीपेड मोबाइल पर आया कॉल, डिजिटल अरेस्ट कर 71 लाख ठगे

एंड्रॉयड मोबाइल धारक वृद्धजनों को अलग-अलग तरह से शिकार बना रहे सायबर ठग

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खास बात: ठगी की राशि का ऑनलाइन नहीं, बल्कि बैंक में आरटीजीएस के जरिये ट्रांजेक्शन हुई

उज्जैन। सायबर ठगों द्वारा एंड्रॉयड मोबाइल धारकों वृद्धजनों के साथ अलग-अलग तरह से ठगी के मामले सामने आ रहे हैं। पिछले दिनों बदमाशों ने रामकृष्ण मिशन के वृद्ध सचिव को डिजिटल अरेस्ट कर उनके साथ 71 लाख रुपए की ठगी की। खास बात यह रही कि ठगी की राशि का ऑनलाइन नहीं बल्कि बैंक में आरटीजीएस के जरिये ट्रांजेक्शन हुआ। नानाखेड़ा थाना पुलिस की टीम ने वृद्ध की शिकायत पर केस दर्ज करने के बाद इंदौर के 4 बदमाशों को गिरफ्तार किया और 23 लाख रुपए बैंक में होल्ड कराए हैं।

ताइवान से पार्सल आया जिसमें ड्रग्स है

रामकृष्ण मिशन के सचिव स्वामी प्रदीपानंदन ने 30 नवंबर को नानाखेड़ा थाने पहुंचकर पुलिस को बताया कि 12 नवंबर को दोपहर 3-4 बजे के बीच उनके कीपेड मोबाइल नंबर 8794126404 पर अपरिचित महिला का 8878564878 से कॉल आया था। महिला ने मुझे सूचित किया कि वह सेडेक्स इंटरनेशनल कोरियर्स की मुंबई शाखा से बात कर रही है। उसने बताया कि मेरे नाम से एक ड्रग पार्सल मुंबई से ताइवान भेजा गया था जो कि वापस मुंबई आ गया है तथा इसके बारे में सीबीआई द्वारा पूछताछ की जा रही है। उसने यह भी कहा कि इस पार्सल में ड्रग है एवं यह पार्सल आपके मोबाइल नंबर से बुक किया गया था इसलिए मुझे स्वयं इस बाबत एक प्रथम सूचना रिपोर्ट अंधेरी पुलिस थाने पर दर्ज करवा देना चाहिए अन्यथा कोरियर कंपनी के द्वारा मेरे विरुद्ध पुलिस कार्रवाई की जा रही है।

सायबर टीम ने खाते में जमा रुपए होल्ड कराए

एसपी प्रदीप शर्मा के निर्देश पर नानाखेडा थाना व सायबर सेल द्वारा उक्त धोखाधड़ी के 71 लाख में से 23 लाख रुपये यश बैंक में होल्ड करवा दिये गए। जांच में यश बैंक खाता क्रमांक 123526900000016 से धोखाधड़ी के रुपए विभिन्न बैंकों के धारकों के पास रुपये ट्रांसफर किये गए थे जिसमें से 9,79,500/-रु. खाता धारक महेश पिता रमेश कुमार फतेचंदानी निवासी पल्सिकार कॉलोनी इंदौर के खाते में ट्रांसफर किए गए थे।

मोबाइल में एप डाउनलोड कराया
सायबर ठगों ने प्रदीपानंदन पर दबाव बनाकर उनके मोबाइल में स्काई एप डाउनलोड करवाया गया और 24 घंटे मोबाइल अपने पास रखने के लिये मजबूर किया गया। उन्होंने यश बैंक खाता क्रमांक 123526900000016 में कुल 59 लाख रुपए एवं आइसीआइसीआई बैंक ब्रांच धंधुका गुजरात खाता धारक मित्तल मार्केर्टिंग के नाम पर 12 लाख रुपए इस प्रकार कुल 71 लाख रुपये बैंक खातों में जमा करवाए।

इंदौर के 4 बदमाश गिरफ्तार, दो की तलाश

ऐसे जुड़ी सायबर ठगों की कड़ी- पुलिस ने महेश फतेचंदानी को पकड़ा तो उसने मयंक पिता मनोज कुमार सेन व यश अग्रवाल पिता मुकेश अग्रवाल की जानकारी दी। दोनों को भी गिरफ्तार किया गया जिन्होंने बताया कि उक्त पैसा सायबर ठगी का है जो पैसा हमने अकाउंट से निकालकर सतवीर पिता प्रदीप राजपूत को खाते से निकाल कर दिए हैं इसके बदले कमीशन के रूप में प्रत्येक को 19 हजार 500 रुपये मिले है। सतवीर को गिरफ्तार किया गया सतवीर द्वारा बताया गया की ऑनलाईन ठगी के रुपए विशाल और चेतन पिता नरेश सिसौदिया को दिए थे। इसके एवज में उन्होंने कमीशन रूप में 19 हजार 500 रु. दिये थे। विशाल, चेतन व इनके साथी लोग ऑनलाईन धोखाधड़ी के रुपयों को ऑनलाइन एप्लीकेशन बायनेंस के वॉलेट पर यूएसडीटी करंसी में कनवर्ट कर अन्य आरोपियों को भेजते थे। विशाल, चेतन व इनके अन्य साथियों को इस पर कमीशन मिलता था।

अंधेरी मुंबई थाने में बात कराई

वृद्ध प्रदीपानंदन ने पुलिस को बताया कि मेरे द्वारा इस संबंध में ऐसा कोई कृत्य नहीं किए जाने एवं इससे अनभिज्ञता जाहिर की गई। उस महिला द्वारा मुझे अंधेरी पुलिस थाने से संपर्क करवा दिए जाने का कहा और कॉल ऑनलाइन कनेक्ट करते हुए मुझे तथाकथित अंधेरी पुलिस थाने से संपर्क करवाया गया जिसमें वहां बैठे कुछ लोगों ने बात करते हुए मेरी ड्रग सप्लाई मामले में मुझे तत्काल सर्विलांस पर लिए जाने की सूचना भी दी। मेरे द्वारा उक्त समस्त बातों का बारंबार खंडन किया गया मुझे तत्काल सर्विलांस पर लिये जाने की सूचना दी गई।

अब तक सिर्फ कमीशन पर खाता देने वाले मिले, सरगना फरार

पुलिस ने बताया कि वृद्ध प्रदीपानंदन के साथ 71 लाख रुपए की ठगी के मामले में 23 लाख 30 हजार रुपए बैंक में होल्ड कराए गए हैं। 4 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। दो फरार बदमाश विशाल पिता लक्ष्मण पटोल निवासी विजय नगर इंदौर और चेतन पिता नरेश सिसौदिया निवासी इंदौर की तलाश की जा रही है। वहीं दूसरे खाते की जानकारी निकालकर उसमें जमा हुई राशि को भी होल्ड कराने के प्रयास जारी हैं।

मात्र 2 प्रतिशत के लालच में बेच रहे खाते

पुलिस ने बताया कि महेश फतेचंदानी किराना मार्केटिंग का काम करता है। मयंक सेन मोबाइल शॉप पर काम करता है, यश अग्रवाल मेडिकल पर जॉब करता है और सतवीर सिंह राजपुत कपड़े की दुकान पर सेल्समेन है। यह लोग सामान्य लोगों के बीच में ही रहते हैं लेकिन ठगी की राशि में मिलने वाले 2 प्रतिशत कमीशन के लालच में अपने खाते बेचते हैं। पुलिस के अनुसार मयंक और यश दोस्त हैं। दोनों आम लोगों से संपर्क कर उनके बैंक में खाते खुलवाते और पासबुक, डिटेज, एटीएम सहित सारे डाक्यूमेंट अपने पास रखते थे। सतवीर ठगी के रुपए को आगे दूसरे सरगनाओं को ट्रांसफर करता था।

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