Advertisement

इंदौर में ‘डिजिटल अरेस्ट’ फ्रॉड का खुलासा, छात्रों ने बेचे बैंक अकाउंट

इंदौर क्राइम ब्रांच ने ‘डिजिटल अरेस्ट’ के नाम पर ठगी करने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया है। इस गिरोह से जुड़े दो छात्रों को गिरफ्तार किया गया है, जो जल्दी पैसा कमाने के लालच में साइबर अपराधियों को अपने बैंक खाते और उससे जुड़ी जानकारियां उपलब्ध करवा रहे थे। यह गिरफ्तारी एक महिला से पांच लाख की ठगी के मामले में हुई है, जिसकी रिपोर्ट नवंबर 2024 में दर्ज की गई थी।

Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!

Advertisement

महिला ने शिकायत में बताया था कि एक अनजान कॉल पर खुद को अधिकारी बताने वाले व्यक्ति ने उसे ‘डिजिटल अरेस्ट’ का डर दिखाया और धमकाकर उसके खाते से पाँच लाख रुपये निकाल लिए। मामले की गंभीरता को देखते हुए क्राइम ब्रांच ने जांच शुरू की और यह रकम विभिन्न शहरों के खातों में ट्रांसफर होने की जानकारी सामने आई।

डीसीपी क्राइम ब्रांच राजेश त्रिपाठी ने बताया कि जांच में यह स्पष्ट हुआ कि पैसे छतरपुर, बेंगलुरु और कानपुर के खातों में ट्रांसफर हुए हैं। सबसे पहले छतरपुर के नरेंद्र कुमार अहिरवार को गिरफ्तार किया गया, जिसके खाते में दो लाख रुपए जमा हुए थे। पूछताछ में नरेंद्र ने दो अन्य युवकों—अनिकेत पटेल (20 वर्ष) और ओम नारायण अहिरवार—के नाम बताए।

Advertisement

क्राइम ब्रांच की टीम ने इन दोनों आरोपियों को भी तलाश कर शुक्रवार को गिरफ्तार कर लिया। जांच में खुलासा हुआ कि अनिकेत और ओम नारायण, दोनों साइबर ठगों को बैंक खाते उपलब्ध कराते थे। नरेंद्र ने अपना खाता अनिकेत को सौंपा था, जिसके बदले उसे 5 से 7 हजार रुपये मिले। इसके बाद अनिकेत ने यह खाता ओम नारायण को दे दिया, जिसने इसे 30 से 40 हजार रुपये में एक ठगी गिरोह को बेच दिया।

पूछताछ में यह भी सामने आया कि ओम नारायण को टेलीग्राम के ज़रिए ठग गैंग से संपर्क हुआ था। वह दिल्ली के इस गैंग को रेपिडो और अन्य ऑनलाइन माध्यमों से बैंक खातों से संबंधित डिटेल्स और दस्तावेज़ भेजता था।पुलिस को जांच के दौरान दिल्ली के एक संदिग्ध व्यक्ति का मोबाइल नंबर मिला है, जिसकी जानकारी जुटाई जा रही है। साथ ही जिन खातों में ट्रांजेक्शन हुए हैं, उनमें करोड़ों की रकम आने की पुष्टि हुई है। फिलहाल, ट्रांजेक्शन डिटेल्स की जांच चल रही है।पकड़े गए सभी आरोपी 12वीं पास हैं और उन्होंने पूछताछ में यह स्वीकार किया है कि वे अंतरराज्यीय ऑनलाइन फ्रॉड गैंग के लिए काम करते थे। पुलिस ने तीनों आरोपियों को रिमांड पर लिया है और जल्द ही दिल्ली स्थित मुख्य सरगना तक पहुंचने की कोशिश की जा रही है।

Advertisement

Related Articles