Engineering करने का है विचार, तो इन fields को भी कर सकते है,हाँ

By AV NEWS

आमतौर पर बारहवीं के बाद अधिकतर छात्र इंजीनियरिंग में अच्छे भविष्य वाली शाखा चुनने में रुचि दिखाते हैं। मरीन इंजीनियरिंग, डाटा साइंस और मशीन लर्निंग जैसी नई शाखाओं के चलते इसमें इंजीनियरिंग के क्षेत्र में संभावनाएं बहुत बढ़ गई हैं।

हालांकि हर साल इस क्षेत्र के लिए प्रतियोगी परीक्षा में बैठने वाले छात्रों की बढ़ती संख्या को देखते हुए कोर्स में दाखिले और नौकरी, दोनों को ही लेकर कड़ी प्रतियोगिता का माहौल बन गया है। इसीलिए जरूरी है कि इंजीनियरिंग के परम्परागत क्षेत्रों को छोड़कर कुछ नए भविष्य की तकनीक में महारत देने वाली शाखाओं पर ध्यान लगाया जाए।

डेटा साइंस इंजीनियरिंग

इस विज्ञान में कंप्यूटर साइंस, स्टैटिस्टिक्स और एक विशेष डोमेन सम्बंधी जानकारी का उपयोग करके अमल करने योग्य योजना तैयार की जाती है। दूसरे शब्दों में डाटा साइंस इंजीनियरिंग डाटा एनालिसिस की मदद से अगले कदम के लिए सही प्रक्रिया की पहचान करने में मदद करता है। डाटा इंजीनियर किसी संगठन से मिले आंकड़ों को विकास, अमलीकरण, प्रबंधन और वृद्धि के लिए इस्तेमाल करता है।

मशीन लर्निंग (एमएल)

यह आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की एक उप-शाखा है। यह मशीनों को इनसानों की तरह अपने अनुभवों से सीखना सिखाती है और इसमें किसी तरह की जटिल प्रोग्रामिंग का दखल नहीं होता। एमएल को आमतौर पर दो भागों में बांटा जाता है- सुपरवाइज्ड और अनसुपरवाइज्ड लर्निंग। इमेज या स्पीच से पहचान, ट्रैफिक के बारे में उत्पाद के बारे में सलाह देने, सेल्फ ड्राइविंग कार,मालवेयर फिल्टरिंग और ऑनलाइन धोखाधड़ी आदि का पता लगाने के काम में।

डिजाइन इंजीनियरिंग

डिजाइन इंजीनियरिंग में गणित, कंप्यूटर सॉफ्टवेयर और उपयोगकर्ता के विचारों के आधार पर उत्पादों या उपकरणों की डिजाइन के कॉन्सेप्ट को बनाया जाता है। डिजाइन इंजीनियर के सामने अकसर ही जटिल डिजाइनों के कॉन्सेप्ट की चुनौती आती रहती है, जिसे वह अन्य शाखाओं के इंजीनियरों के साथ मिलकर अंजाम देते हैं। डिजाइन इंजीनियर पहले कैड(कंप्यूटर एडेड डिजाइन) सॉफ्टवेयर के माध्यम से डिजाइन बनाते हैं और फिर उसका परीक्षण कर उसे बेहतर बनाने की दिशा में काम करते हैं। इंजीनियर आने वाले वर्षों में संगठनों का सबसे आवश्यक हिस्सा बनने के लिए तैयार हैं। दुनियाभर में अविश्वसनीय तकनीकी इनोवेशन हो रहा है। इसीलिए उनके अनुकूल इंजीनियरिंग के क्षेत्रों में बहुत अच्छी संभावनाएं भी दिख रही हैं। बदले दौर में इंजीनियरिंग के सही विकल्प आपको सुनहरा भविष्य देंगे।

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस

यह कंप्यूटर साइंस की एक शाखा है, जो हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर के संदर्भ में ऐसी मशीने बनाने में मदद करती है, जो एकदम मानव मस्तिष्क की तरह काम कर सकें। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के माध्यम से निर्णय, समस्या समाधान, योजना और सीखने जैसे काम मशीन द्वारा किए जा सकते हैं। एआई इंजीनियर वह शख्स है, जो मशीन लर्निंग की परम्परागत तकनीकों, जैसे नेचुरल लैंग्वेज प्रोसेसिंग और न्यूरल नेटवर्क का उपयोग करके ऐसे मॉडल्स का निर्माण करता है, जो एआई आधारित काम कर सकें। इसे ही मशीन लर्निंग भी कह सकते हैं।

बायो-मेडिकल इंजीनियरिंग

बायो इंजीनियरिंग या बायोमेडिकल इंजीनियरिंग, इंजीनयरिंग के सिद्धांतों और डिजाइन कॉन्सेप्ट को मेडिसिन और हेल्थकेयर उद्देश्यों के लिए उपयोग करती है। नई हेल्थकेयर तकनीक के विकास में यह इलेक्ट्रिकल, मेकैनिकल, केमिकल इंजीनियरिंग और लाइफ साइंस जैसे विषयों के सिद्धांतों का भी उपयोग करती है। बायोमेडिकल इंजीनियरिंग उपकरणों के प्रमुख उदाहरणों में बायोकंपैटिबल प्रोस्थेसिस, शारीरिक जांच और इलाज के अति सूक्ष्म से लेकर बड़े उपकरण तक, एमआरआई और ईईजी जैसे सामान्य उपयोग होने वाले महत्वपूर्ण उपकरण, ्रदवाइयां, बायोलॉजिकल्स ड्रग्स आते हैं।

एआर एवं वीआर

वर्चुअल रियलिटी और ऑग्मेंटेड रियलिटी की तकनीक क्रांतिकारी बदलाव कर रही है। इसके माध्यम से डिस्प्ले में आपसी बातचीत के रोमांचक अनुभव को संभव कर दिखाया गया है। एआर और वीआर दोनों में सिस्टम और सेवाओं को बदलने की अपार संभावनाएं हैं, क्योंकि वे रियल-टाइम में डेटा पेश करने, उपयोगकर्ताओं को जोडऩे और वास्तविक जीवन की घटनाओं को बहुत विस्तार से फिर से बनाने की क्षमता रखती हैं।

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