शिप्रा तीर्थ परिक्रमा यात्रा के अवसर पर पूजा-अर्चना करेंगे मुख्यमंत्री

By AV NEWS

गंगा दशहरा पर शिप्रा किनारे धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजन का संगम,

15 और 16 जून को होगा कार्यक्रम

अक्षरविश्व न्यूज. उज्जैन:गंगा दशहरा पर्व अवसर पर शिप्रा किनारे धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजन का संगम होगा। 15 एवं 16 जून को आयोजित शिप्रा तीर्थ परिक्रमा यात्रा के प्रारंभ होने के पहले व यात्रा के समापन अवसर पर मुख्यमंत्री मोहन यादव द्वारा शिप्रा तट पर पूजन किया जाएगा। शिप्रा पर भजन संध्या के लिए 40 मंच बनाया जा रहा है। शिप्रा लोक संस्कृति समिति द्वारा शिप्रा तीर्थ परिक्रमा का आयोजन विगत 20 वर्षो से किया जा रहा है। इस बार यात्रा प्रारंभ होने और समापन के दौरान शिप्रा का पूजन करने के लिए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव मौजूद रहेंगे। समापन वाले दिन होने वाली भजन संध्या के लिए करीब 40 बाय 60 का मंच तैयार किया जा रहा है।

दो दशक को गए

20 वर्ष पहले जल संरक्षण के लिए जल स्त्रोत को सहजने, जल, पर्यावरण और जलीय जीव जंतुओं को बचाने की पहल के साथ शिप्रा तीर्थ परिक्रमा यात्रा का प्रारंभ गंगा दशहरा के एक दिन पहले दशमी तिथि से मुख्यमंत्री मोहन यादव ने किया था। समय के साथ यह आयोजन जल संरक्षण की दृष्टि से आज पूरे देश और प्रदेश के लिए महत्वपूर्ण हो गया है। शिप्रा तीर्थ परिक्रमा में बड़ी संख्या में श्रद्धालु सम्मिलित होंगे। पूरे प्रदेश को जल संरक्षण का संकल्प मुख्यमंत्री द्वारा दिलाया जाएगा। पिछले वर्ष तक यह संकल्प उज्जैन के लोगों को ही दिलाया जाता रहा है। पहली बार पूरे प्रदेश को जोड़ा जा रहा है।

जल संरचनाओं के संरक्षण का संकल्प

गंगा दशहरा पर्व पर प्रदेश की नदियों,तालाबों,कुआं,जल संरचनाओं को संरक्षित करते हुए पुर्नजीवित करने का संकल्प मुख्यमंत्री मोहन यादव द्वारा दिलाया जाएगा। इस आयोजन के दौरान प्रदेश के पंचायत से लेकर सभी जनप्रतिनिधि, सामाजिक संगठन और आमजन जल संरक्षण का संकल्प लेंगे। इसके पहले मुख्यमंत्री डॉ. यादव द्वारा मोक्षदायिनी शिप्रा नदी के किनारे माँ शिप्रा का पूजन कर चुनरी अर्पित की जाएगी। शिप्रा तीर्थ परिक्रमा यात्रा के समापन अवसर पर सांस्कृतिक आयोजन भी होंगे।

दो चरणों में परिक्रमा

प्रथम दिवस 15 जून : मां शिप्रा तीर्थ परिक्रमा प्रात: 8 बजे रामघाट से आरम्भ होगी जो रामघाट से नृसिंहघाट, आनंदेश्वर मंदिर, जगदीश मंदिर, गऊघाट, जंतर-मंतर (वेधशाला), वरूणेश्वर महोदव (शीतल गेस्ट हाऊस) से इन्दौर रोड, सीएचएल अस्पताल, प्रशांतिधाम सांई मंदिर, गुरुकुल (त्रिवेणी) दोप. 12 बजे गुरुकूल विद्यालय पर भोजन विश्राम प्रथम पड़ाव) यात्रा दोपहर 3 बजे गुरुकुल त्रिवेणी से प्रस्थान कर नवग्रह शनि मंदिर, गोठडा, सिकन्दरी, दाऊदखेडी, चांदमुख, चिंतामण, मंगरोला फंटा, लालपुल होते हुए भूखीमाता मंदिर, गुरुद्वारा नानक देव (रात्रि भोजन), नानक घाट से दत्तअखाडा पर भजन संध्या व रात्रि विश्राम होगा।

दूसरा दिन 16 जून : प्रात:7.30 पर यात्रा शुरू होकर दत्तअखाडा से रणजीत हनुमान, कालभैरव, भैरवगढ़, सिद्धनाथ, अंगारेश्वर, कमेड,मंगलनाथ, सान्दीपनीआश्रम, राममंदिर, गढ़कालिका पहुंचेगी। यात्रा दोपहर 3 बजे से भृतहरीगुफा, ऋणमुक्तेश्वर, वाल्मीकी धाम (भोजन विश्राम),दुर्गादास राठौर की छत्री,चक्रतीर्थ, दानीगेट, ढ़ाबारोड, गोपालमंदिर, पटनीबाजार, गुदरी चौराहा, महाकाल मंदिर, बडे गणेश मंदिर, हरसिद्धी मंदिर होते हुए रामघाट पहुंचेगी। सांयकाल शिप्रा-गंगा पूजन, चुनरी अर्पण के बाद भजन संध्या से कार्यक्रम का समापन होगा।

संध्या एवं भक्तिगीतों की प्रस्तुति

15 एवं 16 जून की शाम को रामघाट, दत्त अखाड़ा क्षेत्र में विभिन्न कलाकारों द्वारा भजन संध्या एवं भक्तिगीतों की प्रस्तुति दी जाएगी। 16 जून को पाश्र्व गायिका ऋचा शर्मा और दल द्वारा भजनों की प्रस्तुति दी जाएगी। इस अवसर पर शिप्रा नदी के महत्व और उसके सांस्कृतिक वैभव की जानकारी देने वाली विशेष पुस्तिका का लोकार्पण भी होगा। सदानीरा केंद्रित ऑडियो वीडियो सीडी का लोकार्पण भी किया जाएगा। शिप्रा सहित अन्य प्रमुख नदियों, जल संरचनाओं और जो पारंपरिक रहे है (वर्तमान में विलुप्त हो चले हैं) सभी की सैटेलाइट मैपिंग करवा कर प्राचीन वांग्मय,परंपरा के संदर्भो के साथ सर्वे आधारित डाक्यूमेंटेशन का प्रकाशन किया जाएगा।

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