पिछले साल मप्र में बढ़े 2 करोड़ पर्यटक, उज्जैन में सबसे ज्यादा आए

By AV News 1

मध्यप्रदेश में हर महीने पहुंच रहे एक करोड़ से अधिक पर्यटक, 2023 में साल भर में इनकी संख्या 11.21 करोड़ थी

उज्जैन पहुंचने वालों की संख्या ही 7.25 करोड़ रही, 2023 से 2 करोड़ अधिक

प्रदेश में बढऩे की वजह… महाकाल के दर्शन करने के लिए दूसरे राज्यों से बड़ी संख्या में आ रहे पर्यटक, सुविधाएं बढ़ीं

भोपाल में घटने की वजह… शहर में धार्मिक पर्यटन के स्थल नहीं, यहां आने वाले भोजपुर जाते हैं, जो रायसेन जिले में है

अक्षरविश्व न्यूज उज्जैन। मप्र में पर्यटन तेजी से बढ़ रहा है। पिछले साल 2024 में प्रदेश में 13 करोड़ से अधिक पर्यटक पहुंचे। इसमें रिकॉर्ड 7.25 करोड़ से ज्यादा लोग सिर्फ उज्जैन पहुंचे। यह आंकड़ा 2023 से करीब 2 करोड़ ज्यादा है। तब 5.28 करोड़ लोग महाकाल के दर्शन करने पहुंचे थे। 2023  में 11.21 करोड़ लोग आए थे।

हालांकि, भोपाल आने वाले पर्यटकों की संख्या में पिछले साल के मुकाबले कमी आई है। 2023 में 19.50 लाख लोग भोपाल में पर्यटन के लिए आए थे। 2024 में इनकी संख्या 15.70 लाख रह गई। यानी इसमें 3.80 लाख पर्यटक कम हुए हैं। मप्र राज्य पर्यटन विकास निगम के जनसंपर्क अधिकारी विकास खरे का कहना है कि धार्मिक पर्यटन बढ़ रहा है। प्रदेश के हर धार्मिक स्थल पर पर्यटकों की संख्या बढ़ी है।

पॉजिटिव माहौल भी पर्यटन बढऩे की एक वजह.

मानसिक शांति
धार्मिक स्थलों पर पर्यटकों की संख्या बढऩे का मुख्य कारण वहां मिलने वाली मानसिक व आध्यात्मिक शांति है। लोग चाहते हैं कि वे जहां भी जाएं, वहां घूमने के अलावा उन्हें आध्यात्मिक के साथ पॉजिटिव एनर्जी मिले। इसलिए उज्जैन, मैहर, सलकनपुर, भोजपुर, चित्रकूट आदि धार्मिक स्थानों पर लोगों को जब भी मौका मिलता है, वे वहां पहुंच जाते हैं।

इंफ्रास्ट्रक्चर में सुधार
मप्र में पर्यटकों के बढऩे का एक और मुख्य कारण यह भी है कि यहां पर इस क्षेत्र में इंफ्रा स्ट्रक्चर में खासा डेवलपमेंट हुआ है। उज्जैन का महाकाल लोक इसका सबसे बड़ा उदाहरण बनकर उभरा है। यहां पर धार्मिक पर्यटन में बढ़ोत्तरी होने के साथ ही सांस्कृतिक, ऐतिहासिक स्थलों की जानकारी आसान तरीके से पर्यटकों तक पहुंचा रही है।

रोजगार भी बढ़ रहे
मप्र राज्य पर्यटन विकास निगम ने भी पर्यटन स्थलों पर लोगों के लिए पॉजिटिव माहौल बनाया है। इसके साथ ही अपने यूनिटों के माध्यम से प्रदेश के प्राकृतिक सौंदर्य की जानकारी भी आसानी से पहुंचाई। इसका फायदा स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी मिलने लगा है और लोगों को स्थाई रूप से रोजगार उपलब्ध होने लगे हैं।

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