भाजपा का चार राज्यों में विधानसभा चुनाव मैनेजमेंट
अक्षरविश्व न्यूज.उज्जैन। चुनाव पूर्व के मैनेजमेंट में भाजपा अपने समयदानी कार्यकर्ता पर अधिक भरोसा करती है। पार्टी को इससे लाभ भी मिला है। आने वाले कुछ माह में चार राज्यों के विधानसभा चुनाव है और पार्टी के राष्ट्रीय संगठन ने मप्र के सभी शहरों से समयदानी कार्यकर्ताओं के नाम मांगे है,लेकिन उज्जैन को इस तरह की कोई सूचना नहीं भेजी गई है।
महाराष्ट्र, हरियाणा में अक्टूबर के बाद और फिर 2024 शुरुआत में बिहार और दिल्ली में विधानसभा चुनाव है। इसको लेकर भाजपा के राष्ट्रीय पदाधिकारी काफी गंभीरता से विचार कर रहे हैं। ऐसे में मध्यप्रदेश से भाजपा के समयदानी कार्यकर्ताओं की सूची मांगी गई है। प्रदेश संगठन ने जिलों से नाम मांगे गए हैं। इसमें उज्जैन को शामिल नहीं किया गया है।
अन्य जिलों स्थानीय स्तर पर नेताओं से बातचीत शुरू हो गई है। इसमें पूर्व निगम मंडल के अध्यक्ष, पूर्व जिलाध्यक्ष, पूर्व प्रदेश पदाधिकारी, पूर्व विधायक आदि शामिल हैं। जिलों से प्राप्त सूची पर प्रदेश की कमेटी बैठकर चिंतन करेगी, फिर फाइनल सूची दिल्ली भेजेंगे। इसमें उन नामों पर गंभीरता से निर्णय होगा,जहां के नेताओं और कार्यकर्ताओं में चुनाव लडऩे और लड़वाने में महारत हासिल है। बता दें कि मालवा-निमाड़ के नेताओं-कार्यकर्ताओं को तो चुनावी मैनेजमेंट के लिए ही प्रदेशभर में पहचाना जाता है।
इनका कहना
प्रदेश संगठन ने उज्जैन के समयदानी कार्यकर्ता के नाम नहीं मांगे है। ऐसा क्यों हुआ ? यह बताना संभव नहीं है। -विवेक जोशी,भाजपा जिला नगर अध्यक्ष।
कौन समयदानी कार्यकर्ता
भाजपा के ऐसे कार्यकर्ता जो तीन माह तक एक ही विधानसभा में रह काम करते है। इस दौरान वे घर नहीं जा सकते है। बहुत जरूरी कार्य होने या किसी खास प्रयोजन होने पर ही घर जाने के लिए संगठन की अनुमति आवश्यक है।
समयदानी कार्यकर्ता विधानसभा से संबंधित ही किसी कार्यकर्ता के घर रुकते हैं, ताकि रोजाना कार्यकर्ताओं से मुलाकात कर सकें। खास बात यह है कि संगठन समयदानी कार्यकर्ता को अलग श्रेणी में रखता है। जिन्हें उनके कद के अनुसार भविष्य में नगर, जिला या प्रदेश की टीम में शामिल किया जाता है या फिर कोई अन्य अहम जिम्मेदारी दी जाती है।