एमआईसी के लिए नियम- हर फाइल पर दस दिन में निर्णय जरूरी, सरकार ने भेजा रिमाइंडर

अक्षरविश्व न्यूज उज्जैन। नगर निगम में विकास कार्य और नीतिगत निर्णय लेने वाली एमआईसी के लिए राज्य सरकार ने नियम बनाया है कि हर फाइल पर दस दिन के भीतर निर्णय लेना जरूरी है। दस दिन के भीतर निर्णय नहीं लेने पर इसे एमआईसी का अनुमोदन मान लिया जाएगा। एमआईसी रुल्स -1998 में इसका उल्लेख है।
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राज्य शासन ने पिछले दिनों सभी नगर निगम आयुक्तों को पत्र लिख कर इसका पालन कराने के निर्देश दिए हैं। इस पर महापौर मालती राय ने नाराजगी जताई है। उन्होंने कहा कि जनप्रतिनिधियों के लिए समय सीमा रखी जा रही है, जबकि अफसरों के लिए ऐसी कोई समय सीमा नहीं है। एमआईसी से संकल्प पारित होने के बाद महीनों तक टेंडर जारी नहीं होते हैं और अन्य फाइलें भी अफसरों की टेबल पर महीनों तक लंबित रहती हैं। जनप्रतिनिधियों के पास कोई फाइल आती है तो उन्हें उसका अध्ययन करना होता है। जनता से लगातार संपर्क और कार्यक्रमों के बीच में हर फाइल का दस दिन के भीतर अध्ययन करना आसान नहीं है।
महीने में कम से कम एक बैठक का नियम
एमआईसी के हर महीने कम से कम एक बैठक होने का नियम है। निगम की अन्य समितियों के लिए भी महीने में एक बैठक का नियम है, लेकिन इसका पालन नहीं हुआ।