हाथ-पैर तोड़ गुंडों को कड़ा सबक सिखाया था संतोष कुमार सिंह ने
खराब यातायात को सुधारने का विशेषज्ञ माना जाता है जोगा को
जनहित में सीएम की दूरदर्शिता भरे फैसले
नरेन्द्र सिंह अकेला:उज्जैन। प्रदेश के पुलिस विभाग में दो महत्वपूर्ण तबादले हुए हैं। उज्जैन के आईजी संतोष कुमार सिंह इंदौर पुलिस कमिश्नर और उमेश जोगा उज्जैन के आईजी बनाए गए हैं। दोनों ही पदस्थापनाओं में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की दूरदर्शिता परिलक्षित हो रही है। इन पदस्थापनाओं के पाश्र्व में चिंतन भी है और व्यवस्था भी है।
इंदौर के पुलिसकर्मियों की बांछें खिल गई हैं। उन्हें उनका पसंदीदा अधिकारी मिल रहा है। उज्जैन की यातायात व्यवस्था अब सुधार आएगा क्योंकि उमेश जोगा की यह पहली पसंद है। उज्जैन में आईजी रहे संतोष कुमार सिंह 2000 बैच के आईपीएस हैं। उज्जैन में सीएसपी रहे। इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर में एसपी और भोपाल में एसएसपी के अलावा भोपाल में आईजी गुप्त वार्ता रहे। ग्वालियर में डाकुओं और बदमाशों के एनकाउंटर से सुर्खियों में रहे।
पैदल ही चले गए थे सिमरोल थाना
इंदौर में संजीव शमी के बाद संतोष कुमार सिंह वह अधिकारी रहे जिनकी सख्ती की आज भी चर्चा होती है। गुंडे-बदमाशों के हाथ-पैर तोडऩा पुलिस को इन्हीं ने सिखाया। गुंडों में खाकी वर्दी का खौफ कैसा होना चाहिए। जनता में पुलिस की छवि कैसी हो। यह संतोष कुमार सिंह ने बतााया। अपने आपको सदैव तंदुरुस्त रखना, करीब 30 किलोमीटर प्रतिदिन पैदल चलना और साइकिलिंग दिनचर्या में शामिल है। बताते हैं जब इंदौर में पदस्थापना हुई तब सिमरोल थाना पैदल ही चले गए।
इंदौर चूंकि प्रदेश की आर्थिक राजधानी है। राजनीति का केंद्र भी है इसलिए यहां ऐसे अधिकारी की जरूरत महसूस की जा रही थी जो किसी के दबाव में न आए। पुलिस विभाग तो ठीक जनता में भी लोकप्रियता अर्जित कर चुके संतोष कुमार सिंह का तबादला सभी को रास आ रहा है। उनका मानना है कि यदि कोई व्यक्ति अपनी समस्या लेकर आता है तो उसका तत्काल निराकरण होना चाहिए। यदि वह व्यक्ति वही समस्या लेकर दोबारा आ रहा है इसका मतलब यह आपकी कार्यशैली ठीक नहीं है। लोगों को समयानुकूल न्याय मिलना चाहिए।
हमें मिला सक्रिय और सरल अधिकारी
उमेश जोगा 1997 बैच के आईपीएस हैं। जबलपुर के शहपुरा थाना में प्रशिक्षु थाना प्रभारी रहे। एसडीओपी डबरा, ग्वालियर एएसपी, शिवपुरी, रतलाम, झाबुआ और रीवा में एसपी रहे। छिंदवाड़ा और बालाघाट में डीआईजी। चंबल, रीवा जोन व जबलपुर में आईजी के रूप में काम कर चुके हैं।
8 सितंबर 2021 में जबलपुर के आईजी बनाए गए तब दूसरे दिन ही सभी एसपी को बुुला कर मीटिंग ले ली। अपने इरादे जाहिर कर दिए कि अपराधों पर किस तरह नियंत्रण पाना है। उमेश जोगा के लिए यातायात सबसे प्रिय विषय है। उनका मानना है कि शहर की जनता को आने-जाने में परेशानी नहीं होना चाहिए। यातायात ठीक रहेगा तो शहर ठीक रहेगा। यातायात बिगडऩे से कई काम बिगड़ते हैं। पूरे प्रदेश में उज्जैन की यातायात व्यवस्था सबसे खराब है। संभवत: इसलिए मुख्यमंत्री ने जोगा का चयन किया है। उम्मीद की जानी चाहिए कि यातायात विशेषज्ञ अधिकारी के आने से यहां की यातायात व्यवस्था में आमूल-चूल परिवर्तन देखने को मिलेंगे।