नए साल पर आसमान में होगी ग्रहों की परेड
अक्षरविश्व न्यूज|उज्जैन। इस बार नए साल 2025 का इंतजार खगोल प्रेमियों द्वारा भी किया जा रहा है, क्योंकि शुरुआती जनवरी में सात ग्रह एक कतार में दिखाई देंगे और ऐसा लगेगा मानो आसमान में ग्रहों की परेड हो रही। चार ग्रहों को बिना दूरबीन से भी देख सकेंगे। खगोल विज्ञान की भाषा में इसे प्लेनेटरी अलाइनमेंट कहते हैं। यह एक दुर्लभ खगोलीय घटना है।
उज्जैन की डोंगला वेधशाला में भी ग्रहों की यह परेड दिखाई जाएगी। इसका खगोलीय अध्ययन भी किया जाएगा। वेधशाला के प्रकल्प अधिकारी घनश्याम रत्नानी ने बताया जनवरी में यह खगोलीय घटना स्पष्ट दिखाई देगी। डोंगला वेधशाला में विशेष दूरबीन भी है। जीवाजी वेधशाला के अधीक्षक डॉ. आरपी गुप्त ने बताया अभी से तीन ग्रह आसमान में दिखाई देने लगे हैं।
यह परेड पूरी दुनिया में दिखाई देगी
खगोलीय वैज्ञानिकों के अनुसार 2025, जनवरी में आसमान में होने वाली ग्रहों की यह परेड भारत सहित पूरी दुनिया में दिखाई देगी। जब सूर्य की परिक्रमा करने वाले दो या उससे ज़्यादा ग्रह एक कतार में आ जाते हैं, तो इसे प्लेनेटरी अलाइनमेंट या ग्रहों की परेड कहते हैं। इसमें शुक्र, मंगल, बृहस्पति, शनि, नेपच्यून, और यूरेनस जैसे छह ग्रह एक साथ दिखाई देंगे।
यह 21 जनवरी, 2025 से पहले के दिनों में दिखाई देने लगेगी और लगभग चार हफ़्तों तक देखी जा सकेगी। ग्रहों की परेड एक ऑप्टिकल भ्रम है। वास्तव में, ग्रह उस तरह से पंक्तिबद्ध नहीं होते, जैसे कि वो एजर युग में थे। मार्च की शुरुआत में इन ग्रहों की दृश्यता कम हो जाएगी, क्योंकि बुध, शनि और नेपच्यून सूर्य के बहुत करीब चले गए होंगे। पहले भी ग्रह एक लाइन में परेड कर चुके हैं, जनवरी 2025 में होने वाली घटना अहम होगी।
दो ग्रह दूरबीन से दिखेंगे: नेप्च्यून-यूरेनस को देखने के लिए दूरबीन की जरूरत पड़ेगी। बाकी ग्रह बिना दूरबीन से देख सकेंगे, क्योंकि ये दूरवर्ती ग्रह इतने धुंधले हैं कि उन्हें बिना सहायता के नहीं देखा जा सकता।
अमावस्या सबसे अच्छा समय: इस नजारे को देखने का सबसे अच्छा समय 21 जनवरी 2025 और 21 फरवरी 2025 के बीच होगा। अमावस के दिनों में 29 जनवरी 2025 का सप्ताह ग्रहों की परेड देखने के लिए सबसे आदर्श समय होगा।
डोंगला वेधशाला में मध्यप्रदेश का सबसे बड़ा टेलिस्कोप
डोंगला की पद्मश्री डॉ. विष्णु श्रीधर वाकणकर वेधशाला इसलिए खास है क्योंकि यहां मध्यप्रदेश का सबसे बड़ा टेलिस्कोप है। प्रकल्प अधिकारी रत्नानी के अनुसार यह अब ऑटोनॉमस भी हो गया है। इसे भोपाल से बैठकर भी ऑपरेट किया जा सकता है और ग्रहों की तस्वीरें निकाली जा सकती हैं। इस कारण वेधशाला से ग्रहों की परेड भी अच्छे से देखी जा सकेगी।
पहले छह ग्रह फिर सात दिखेंगे
जनवरी में पहले छह ग्रह मंगल, शुक्र, बृहस्पति, शनि, यूरेनस, नेप्च्यून एक लाइन में होंगे। कुछ समय बाद बुध भी दिखाई देने लगेगा।