कार्तिक मेले से इस बार आय एक करोड़ के पार

पिछले साल से अच्छी हुई आय, 14 दिसंबर तक चलेगा मेला

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पारंपरिक झूलों के प्रति लोगों का आकर्षण बरकरार

उज्जैन। कार्तिक मेले ने इस बार आय का नया स्तर छू लिया है। नगर निगम प्रशासन को इससे एक करोड़ रुपयों से अधिक की आय हो चुकी है। 14 दिसंबर को इसका समापन होना है। तब तक यह आंकड़ा डेढ़ करोड़ तक पहुंचने की संभावना है। हालांकि मेले की अवधि बढ़ाने के लिए निगम प्रशासन के पास आवेदन आने का सिलसिला शुरू हो गया है।

मेले का आयोजन शिप्रा नदी किनारे यूं तो सम्राट विक्रमादित्य के समय से होता आ रहा है, लेकिन 1912 से नगर निगम ने इसका आयोजन अपने हाथ में ले लिया। मेले में दुकानों और झूलों से नगर निगम को इस बार 1 करोड़ 35 लाख रुपए की आय हुई है। नगर निगम में राजस्व समिति के प्रभारी रजत मेहता ने बताया बुधवार तक निगम को 1 करोड़ 35 लाख रुपए की आय हुई। पिछले साल निगम को 96 लाख रुपए की आय हुई थी।

ऐसे शुरू हुआ था कार्तिक मेला: कहते हैं कि कार्तिक मेले की परम्परा सम्राट विक्रमादित्य के समय की है। सम्राट विक्रमादित्य के पिता गर्दभिल्ल ने मेले की शुरुआत की थी। बाद में यह कार्तिक स्नान की परम्परा से जुड़ गया।

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