मनोरंजन जगत हो या विज्ञापन या कोई प्रजेटेेंशन… विजुअल माध्यमों में स्पेशल इफेक्ट यानी वीएफएक्स की मांग इन दिनों बहुत बढ़ी है। इस क्षेत्र में कई भारतीयों ने अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर काम भी किया और प्रशंसा भी पाई, अच्छी बात यह है कि अब भारत में भी मौकों की कमी नहीं हैं।
कई शोधों से यह बात साबित हो चुकी है कि मस्तिष्क 90 फीसदी जानकारी विजुअल माध्यम से ही ग्रहण करता है। ऐसे में विजुअल इफेक्ट्स की तकनीक कितनी कारगर हो सकती है, कहने की जरूरत नहीं। बाहुबली, स्टार वार्स, अवेंजर्स सिरीज की फिल्मों की लोकप्रियता इसका जीता-जागता उदाहरण हैं। बीते कुछ सालों में विजुअल इफेक्ट्स यानी वीएफएक्स की दुनिया ने बहुत तेजी से प्रगति की है। अगर प्रशिक्षण और अनुभव के साथ इस इंडस्ट्री में आगे बढ़ा जाए, तो आपको नाम और दाम, दोनों मिल सकते हैं।
क्योंकि, पहले सिर्फ मनोरंजन के माध्यमों में ही स्पेशल इफेक्ट्स का ज्यादातर उपयोग हो रहा था, फिर गेमिंग और अब तो शिक्षा, चिकित्सा, समाचार जगत में भी इसका जमकर उपयोग हो रहा है। डिजिटल मीडिया के विकसित होने के बाद से तो इसमें और बूम आया है। डिजिटल डोमेन जैसे अंतरराष्ट्रीय स्टूडियोज ने भारत में अपनी शाखा खोली हैं और देश में भी कई विजुअल इफेक्ट स्टूडियोज बढिय़ा काम कर रहे हैं।
केपीएमजी इंडिया मीडिया एंड एंटरटेनमेंट रिपोर्ट 2019 के अनुसार आने वाले सालों में वीएफएक्स और पोस्ट प्रोडक्शन इंडस्ट्री दोगुने से ज्यादा विकास करेगी। भारत में दक्षिण भारत को वीएफएक्स इंडस्ट्री का केंद्र मान सकते हैं। यहां कई एक वीएफएक्स स्टार्टअप्स जैसे एमआरटी स्टूडियो, थॉट क्लाउड स्टूडियो कन्नड़ फिल्मों में अपने काम के लिए खूब मशहूर हुए हैं। बीते साल ही हैदराबाद में भारत का पहला सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर गेमिंग, विजुअल इफेक्ट्स ऐंड एनिमेशन स्थापित किया गया है।
चुनौतियां और स्किल्स:
इस क्षेत्र में कई घंटे लगातार काम करना पड़ सकता है। साथ ही एक ही काम को बार-बार सुधारना होता है। यह कई बार काफी उबाऊ भी हो सकता है। तकनीकी रूप से अगर आपने मास मीडिया, मीडिया टेक्नोलॉजी, ग्राफिक डिजाइन या फोटोग्राफी किया है, तो वीएफएक्स सीखने में आसानी होगी।
क्या करते हैं वीएफएक्स आर्टिस्ट
वीएफएक्स तकनीक में वास्तविक चीजों, मनुष्यों और दृश्यों के फ्रेम या फुटेज पर कंप्यूटर जेनरेटेड एलिमेंट्स को मिलाकर एक वास्तविक सी लगती कल्पना साकार की जाती है। इसमें वैज्ञानिक सिद्धांतों की समझ होना बहुत जरूरी हो जाता है। जैसे किसी बम धमाके का दृश्य डिटेल में परदे पर लाना। यह असल जिंदगी में फिल्माना संभव नहीं है।
ऐसे में इन्हें स्पेशल इफेक्ट्स के माध्यम से फिल्म के वास्तविक दृश्य में आरोपित कर सकते हैं। एक वीएफएक्स आर्टिस्ट के तौर पर आपको क्रिएटिविटी के साथ ही प्रबंधन कौशल की भी जरूरत होगी। क्योंकि आमतौर पर इस क्षेत्र में काम प्रोजेक्ट आधारित होते हैं। ऐसे में अपने क्लाइंट की जरूरत के अनुसार प्रोजेक्ट की बजटिंग, प्लानिंग, आवश्यक स्पेशल इफेक्ट्स की प्लानिंग आदि करने पड़ते हैं।
कोर्स और प्रशिक्षण
वीएफएक्स आर्टिस्ट के तौर पर आपको संबंधित सॉफ्टवेयर पर काम करने का कौशल, रचनात्मकता, वैज्ञानिक सिद्धांतों की समझ और कुछ इंजीनियरिंग स्किल्स होने चाहिए। बारहवीं के बाद आप इस कोर्स को कर सकते हैं। लेकिन, बैचलर्स डिग्री के बाद इस कोर्स को करना आपको औरों से आगे रहने में मदद करेगा। इस क्षेत्र में डिप्लोमा, सर्टिफिकेट और डिग्री कोर्स उपलब्ध हैं। भारत में कई विश्वविद्यालय मल्टीमीडिया और एनिमेशन के साथ भी विजुअल इफेक्ट्स के कोर्स करा रहे हैं। इसके लिए डिप्लोमा आमतौर पर एक साल की अवधि का होगा।
इस क्षेत्र में डिप्लोमा इन थ्रीडी एनिमेशन ऐंड वीएफएक्स, बीएससी इन एनिमेशन ऐंड वीएफएक्स, एडवांस प्रोग्राम इन विजुअल इफेक्ट्स, वीएफएक्स प्लस (माया एकेडेमी), वीएफएक्स इन फिल्म मेकिंग (एरीना एनिमेशन) जैसे कोर्सेज प्रमुख हैं। वीएफएक्स आर्टिस्ट के तौर पर कोर्स में आपको डिजाइन के सिद्धांतों, एनिमेशन का इतिहास, मॉडेलिंग, विजुअल इफेक्ट्स, लाइफ ड्रॉइंग, लेयरिंग, रोटो एंड पेंट, रेंडरिंग, थ्री डी एनिमेशन और डिजाइनिंग, टाइम वार्पिंग, एडवांस पेंट टेक्नीक, क्लोथ एफएक्स, पाइरोटेक्नीक वगैरह सिखाया जाता है।
प्रमुख संस्थान
- माया एकेडेमी ऑफ एडवांस सिनेमैटिक्स
- एरीना मल्टीमीडिया
- व्हिसलिंग वुड्स इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट, मुंबई
- फ्रैमबॉक्स एनिमेशन एंड विजुअल इफेक्ट्स
- एनिब्रेन एक्सडीआई, पुणे
- नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डिजाइन, एनआईडी, अहमदाबाद
- वेल्लोर इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी-एपी, त्रिवेंद्रम कैंपस, केरल
- बिड़ला इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी मेसरा, नोएडा कैंपस
- एमिटी यूनिवर्सिटी, मुंबई कैंपस
- शारदा यूनिवर्सिटी, नोएडा कैंपस
- वैंकूवर इंस्टीट्यूट ऑफ मीडिया आर्ट्स, कनाडा (ऑनलाइन कोर्सेज के लिए)
आपका वेतन…
इस क्षेत्र में कमाई अनुभव, तकनीकी कौशल और कंपनी के अनुसार कम या ज्यादा हो सकती है। किसी भी प्रोजेक्ट में शुरुआती दौर में प्रति वर्ष चार लाख रुपये से दस लाख रुपये तक आय हो सकती है। शुरुआत में प्रतिमाह 15000 से 20000 रुपये तक आसानी से मिल सकते हैं।
क्या होगा काम…
वीएफएक्स आर्टिस्ट के लिए प्रोजेक्ट की शुरुआत से पहले और बाद के चरणों में भी कई भूमिकाएं होती हैं।
कंपोजिटिंग आर्टिस्ट: डिजिटल कंटेंट में कई लेयर्स को एक साथ इस तरह रखा जाता है कि वे एक ही लेयर का हिस्सा लगें। इसे सॉफ्टवेयर्स की मदद से किया जाता है।
टेक्निकल डायरेक्टर : किसी भी दृश्य के डिजिटल फिल्मांकन में मदद करते हैं। जैसे समुद्री लहर या अंतरिक्ष का फैलाव वगैरह, तकनीक के सही इस्तेमाल के बारे में निर्देशित करते हैं।
वीएफएक्स सुपरवाइजर्स: ये किसी भी विजुअल इफेक्ट्स की पूरी प्रक्रिया का संचालन देखते हैं। वीएफएक्स टीम लीडर के तौर पर भी पद निकलते हैं।
एनिमेटर रेंडर रैंगलर: ये लाइटिंग और कंपोजिटिंग एक्सपर्ट्स के साथ मिलकर रेंडरिंग की तकनीकी प्रक्रिया का उपयोग करते हैं, ताकि दृश्य में सही नतीजे मिल सकें।
रिगिंग : ये एक्सपर्ट्स किसी भी चीज के थ्रीडी ढांचे बनाते हैं।
मैट पेंटर: ये एक्सपर्ट्स अलग-अलग फोटोज के कुछ हिस्सों को डिजिटली एक जगह मिलाते हैं और उन्हें इस तरह प्रस्तुत करते हैं कि वे एक ही दृश्य लगने लगती हैं।
कहां मिलेगा काम..
बतौर वीएफएक्स आर्टिस्ट आप वीएफएक्स स्टूडियोज में टीम का हिस्सा बन सकते हैं। भारत में रिलाएंस मीडिया वर्क्स, प्राइम फोकस, प्राना, टाटा एलेक्सी, बैंगलुरु की एमपीसी, हैदराबाद का पिक्सलॉइड स्टूडियो वगैरह कई कंपनियां इस क्षेत्र में काम कर रही हैं। वीएफएक्स इंडस्ट्री के एक्सपर्ट्स मुख्यत: इन क्षेत्रों के लिए काम करते हैं –
गेमिंग इंडस्ट्री: गेमिंग की दुनिया में शानदार और कल्पनातीत विजुअल्स सबसे ज्यादा उपयोग हो रहा है और इस उद्योग की वृद्धि दर भी बहुत ज्यादा है।
ऑनलाइन एंटरटेनमेंट: इन दिनो ओटीटी यानी डिजिटल मनोरंजन के क्षेत्र में भी वीएफएक्स ऑर्टिस्ट्स के लिए कई मौके बन रहे हैं। टीवी और फिल्मों की अपेक्षा बीते कुछ वर्षों में इस मंच के लिए बनी फिल्मों में वीएफएक्स का बहुत ज्यादा प्रयोग देखा गया है।
रियल एस्टेट: किसी भवन के भीतरी और बाहरी निर्माण का वर्चुअल टूर बहुत सी रियल एस्टेट कंपनियां अब अपनी वेबसाइट्स पर उपलब्ध करा रही हैं।
विज्ञापन: हाल ही में एक फेमस ब्रांड की कार दोबारा लॉन्च की गई है। इस कार की वेबसाइट्स पर कार की वर्चुअल विजिट की भी व्यस्था की गई। कई उत्पाद अपने विज्ञापनों में इस तकनीक का इस्तेमाल कर रहे हैं। फ्रीलांस और शिक्षण कार्य में भी जा सकते हैं।