उज्जैन:कोविड हेल्पलाइन व डॉक्टर्स रात को बंद कर लेते हैं फोन

कोरोना संकट: वृद्ध मरीज के परिजन होते रहे परेशान, आधी रात को बोले- दुकान से ले लो दवाई

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उज्जैन।कोरोना मरीजों को होम क्वारेंटाईन करने के बाद उनकी देखरेख के लिए रखे गए मानीटरिंग दल एवं कोविड हेल्प लाइन सेंटर पर तैनात कर्मचारी/डॉक्टर्स अपनी ड्यूटी के प्रति कितने सतर्क हैं,इसका अंदाजा बीती रात शहर के एक परिवार के साथ हुई घटना के आधार पर लगाया जा सकता है।

पहला वाकया

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लक्ष्मी नगर निवासी एक परिवार के 85 वर्षीय बुजूर्ग कोरोना पॉजीटिव्ह आ गए। उन्हे आरआरटी ने घर जाकर परीक्षण करके कहाकि इन्हे होम क्वारेंटाईन कर दें। परिजनों ने कहाकि इनकी हालत ठीक नहीं है,आप हॉस्पिटल में एडमिट कर दें ताकि उचित उपचार हो सके। इस पर आरआरटी ने कहाकि आप तो घर  में रखो,हम दवाईयां देते हैं। वे चले गए और एक चिकित्सक का नम्बर दे गए तथा कोविड हेल्प लाइन सेंटर का नम्बर दे गए। कहा गया कि आपको कोई कठिनाई आए तो इन नम्बरों पर फोन करना। आधी रात को वृद्ध को उल्टी एवं दस्त होने लगे। परिजन ने संबंधित डॉक्टर को फोन किया, उन्होंने नहीं उठाया। कोविड हेल्पलाइन को फोन किया तो जवाब दिया गया: आप ऐसा करो,घर के आस पास कोई मेडिकल स्टोर्स वाला हो तो उसे कहना कि उल्टी-दस्त बंद करने की दवाई दे दो। जो दवाई वह बताए, मरीज को दे देना। घर के लोग सन्न रह गए। आधी रात को उठकर(लॉकडाउन में)एक नर्सिंग होम स्थित दवाई की दुकान पर पहुंचे ओर मरीज को हो रही परेशानी बताकर दवाईयां ली तथा मरीज को लाकर दी। सुबह जब उनकी तबियत नहीं सुधरी तो उन्होने पुन: उक्त दोनों नम्बरों पर फासेन किया,कोई रिप्लाय नहीं आया। इस प्रतिनिधि ने जब नोडल अधिकारी डॉ.रौनक एलची को जानकारी दी तो उन्होंने चिकित्सक को घर पहुंचाया और वृद्ध को चरक कोविड केयर सेंटर में भर्ती करवाया।

पहला मामला
सेठी नगर निवासी एक परिवार में शासकीय कर्मचारी ने फिवर क्लिनिक जाकर अपना टेस्ट करवाया। उसके बाद घर में आयसोलेट हो गया। जब रिपोर्ट पॉजीटिव्ह आई तो घर पर रैपिड रिस्पांस टीम आई। कर्मचारी ने कहाकि उनकी पत्नि और बेटी का सेम्पल भी ले लो,इनको भी लक्षण दिखाई दे रहे हैं। टीम के लोग बोले कि हम सेम्पल लेनेवाली टीम को सूचित कर देंगे। यह घटना है शुक्रवार की।

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शुक्रवार को कोई नहीं आया। वहीं शनिवार को भी कोई नहीं आया। दोपहर बाद कर्मचारी ने कोविड हेल्प लाइन पर सूचित किया तो कहा गया कि हम आपकी सूचना अपडेट कर देेते हैं। वहीं डॉ.त्यागी का नम्बर मरीज को दिया गया था,उन्हे बताया तो उन्होने कहाकि हम पहुंचवा देेते हैं। इधर शनिवार भी बित गया। रविवार प्रात: जब इस संबंध में नियमित पाठक होने के चलते मरीज ने अक्षरविश्व को सारी बात बताई तो इस प्रतिनिधि ने जिला पंचायत सीईओ अंकित अस्थाना को सारा प्रकरण बताया। साथ ही बताया कि मां,बेटी की तबियत खराब होती जा रही है। उन्होने संबंधिक का मोबाइल नम्बर लेकर बात की ओर सेम्पल लेनेवाली टीम पहुंचवाई। अब रिपोर्ट दो दिन बाद आने का कहा गया है। तब तक लक्षण बढ़े तो क्या करेंगे,इसी भय से पूरा परिवार पीडि़त है।

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