उज्जैन-इंदौर फोरलेन पर टोल चुकाओ, टेंशन पाओ

By AV NEWS

बदहाल सफर…जगह-जगह डिवाइडर टूटे, सर्विस रोड खराब और सरफेस भी उखड़ गया

उज्जैन। सडक के अधिकांश हिस्सों की सरफेस खराब हैं। जगह-जगह डिवाइडर टूटे हैं। सर्विस रोड़ बदहाल हैं। रोड मार्किंग खराब हो गई हैं। यह हालात उज्जैन-इंदौर फोरलेन के हैं। स्थिति ऐसी हैं कि…टोल चुकाओ, टेंशन पाओ।

उज्जैन- इंदौर के 45 किलोमीटर फोरलेन को बने लंबा अरसा हो गया है। इसमें दो जगह टोल लिए जाते हैं। मेंटेनेंस नहीं होने के कारण रास्ता ठीक नहीं है। रोड की सरफेस खराब हो रही है। गाडिय़ां तेज गति में एकदम उछल जाती हैं। अब इन खराब जगह के अप एंड डाउन की मार्किंग जल्द ही शुरू होगी। उज्जैन-इंदौर मार्ग पर निनोरा-बारोली में दो जगह टोल लिया जाता है। लंबे अरसे से 45 किलोमीटर के मार्ग में टुकड़ों-टुकड़ों में पैचवर्क होता है। एक तरफ से पैचवर्क शुरू होता है तो दूसरा हिस्सा खराब होने लगता है। तेज गति में वाहनों के अप एंड डाउन की शिकायत हैं।

केवल नाम की फोरलेन, दचके, गड्डे, घटिया पैचवर्क ने बना रखा ग्रामीण सड़क जैसा
टोल कंपनी को 2008 में टोल प्लाजा मिला था और 2011 से वसूली शुरू की। उसका कॉन्ट्रैक्ट 2034 तक है। कहने तो सड़क फोरलेन है, यानी स्पीड से वाहन दौड़ सके, लेकिन दचके, गड्ढे व घटिया पैंचवर्क ने इसे ग्रामीण सड़क के समान बना रखा है। डिवाइडर पर हरियाली का कंपनी का अनुबंध है। अभी कुछ काम हुआ लेकिन स्थिति संतोषजनक नहीं। पैचवर्क में इतनी कोताही बरती की सड़क दो लेयर में हो गई है। जो दो पहिया चालकों के लिए मुसीबत है।

सड़क पर क्रेक आ गए, ऊपरी सतह खराब हैं। फोरलेन पर ट्रैफिक होने पर जब वाहन चालक अपने वाहन साइड में लेते हैं तो उन्हें गड्ढों के बीच में गाड़ी खड़ी करना पड़ती है। फोरलेन पर अधिकांश हिस्सों में सड़क की ऊपरी सतह पूरी तरह खराब हो गई है। से डामर गायब हो गया है तथा गिट्टी बाहर आ गई है। रोड के शोल्डर (सडक के किनारे) और मार्ग विभाजक मार्किंग गायब हो गई हैं। नतीजतन रात के समय रोड की चौडाई का अनुमान लगाना मुश्किल हो जाता हैं। डिवाइडर को लोगों ने अपने हिसाब से तोड़ दिया।

हरीफाटक से त्रिवेणी तक बनी सर्विस रोड भी हो गई बदहाल
फोरलेन पर हरीफाटक ओवर ब्रिज से लेकर त्रिवेणी तक आवासीय क्षेत्र होने के कारण फोरलेन की दोनों तरफ सर्विस रोड बनी हैं। कंपनी ने निर्माण के बाद से आज तक सर्विस रोड की सूध नहीं ली। नगर निगम यह कहते हुए सर्विस रोड का मेंटेनेंस नहीं करता हैं कि रोड एमपीआरडीसी की हैं। हम क्यों काम करें। सर्विस रोड की सुरक्षा जालियां कई स्थान से गायब हो गई हैं। हद तो यह हैं कि हरीफाटक रोड पर स्थित एक होटल संचालक ने अपने वहां आने-जाने वालों को सर्विस रोड के लम्बे चक्कर से बचाने के लिए होटल के गेट के ठीक सामने से रोड डिवाइडर, जाली को अपने हिसाब से तोड़ दिया। ऐसा ओर लोगों ने भी किया हैं। ऐसे में सर्विस से सीधे फोरलेन के बीच में आने-जाने वालों की वजह से दुर्घटनाएं की शंका बनी रहती हैं। कई बार इसके बीच से मवेशी सड़क पर आ जाते हैं और वाहन दुर्घटना हो जाती है। रोड डिवाइडर और जालियां तोडऩे वालों पर एमपीआरडीसी ने कोई कारवाई नहीं की। टोल कंपनी ने पुनर्निमाण नहीं किया हैं।

दोपहिया वाहन निकालने में भी आ रही मुश्किल
निनोरा-बारोली टोल पर दोनों साइड दोपहिया वाहनों के निकलने के लिए मामूली जगह दी हैं। इस जगह की स्थिति इतनी खराब हैं कि दोपहिया वाहन निकालना मुश्किल हैं। छोटी सी जगह की ही सडक इतनी खराब कि दोपहिया वाहन अप एंड डाउन, दचके के साथ गिरते-पड़ते निकलते हैं।

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