उज्जैन : कोरोना संक्रमण जांच रिपोर्ट में ऐसा अन्तर क्यों…?

प्रायवेट लैब की जांच में हर दूसरा मरीज पॉजिटिव : मतलब पाजिटिविटी रेट 50%  , सरकारी जांच में यह 17%  से कम

Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!

advertisement

उज्जैन। एक चौंकानेवाला तथ्य पिछले एक सप्ताह से सामने आ रहा है। प्रायवेट लेब पर जांच करवाने वालों की संख्या यूं सरकारी फीवर क्लिनक पहुंच रहे लोगों के जांच आंकड़ों के लगभग समान है। लेकिन पॉजीटिव्ह आने वालों का प्रतिशत प्रायवेट जांच में अधिक और सरकारी जांच में कम आ रहा है। नागरिक क्षेत्रों से मांग है कि आर डी गार्डी मेडिकल कॉलेज की जांच मशीनों की एक बार जांच हो जाना चाहिए। क्योंकि वहां आरटीपीसीआर हो रही है। जबकि माधवनगर हॉस्पिटल में रैपीड एंटीजन टेस्ट।

यह है मामला…12 अप्रैल, सोमवार रात्रि को जो जांच बुलेटिन जारी हुआ, उसमें जांच रिपोर्ट की स्थिति इसप्रकार थी-

advertisement

इस प्रकार से कल प्राप्त सैम्पल्स की रिपोर्ट के आंकड़ों की जांच करने पर यह सामने आया की आरडीगार्डी और माधवनगर (जहाँ सरकारी अस्पतालों में लिए गए सैंपलों की जांच होती है ) में हुए शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के कुल 992 सैंपलों की जांच में 162 सैंपल पॉजिटिव पाए गए, मतलब पाजिटिविटी रेट 17 प्रतिशत। वहीँ प्राइवेट लैब्स में कुल 345 लोगों ने टेस्ट कराया जिसमे 172 लोग पॉजिटिव आए, पाजिटिविटी रेट 50 प्रतिशत। यह आंकड़े एक बड़ा सवाल खड़ा कर रहे है की एक ही शहर में फैले संक्रमण से बीमार हुए लोगों के सैंपलों की जांच के परिणामो में इतना बड़ा अंतर आखिर कैसे हो सकता है?

advertisement

Related Articles