उज्जैन जिले में सूरज की किरणों से अपने घर पर बिजली बनाने वाले 2200 के पार…

मेरा परिसर, मेरी बिजली में रूफ टॉप सोलर में बढ़ी लोगों की रुचि

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अक्षरविश्व न्यूज. उज्जैन:ग्रीन एनर्जी, पर्यावरण संरक्षण और भविष्य में बगैर लागत ऊर्जा की प्राप्ति के लिए शहरी क्षेत्र के बिजली उपभोक्ताओं में व्यापक उत्साह देखा जा रहा है। अब इंदौर बिजली वितरण कंपनी क्षेत्र के उज्जैन जिले में सूरज से बिजली बनाने वालों की संख्या २२०० के पार पहुंच गई है।

मप्र पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी इंदौर के प्रबंध निदेशक अमित तोमर ने बताया कि रूफ टॉप सोलर नेट मीटर योजना में केंद्र सरकार प्रति किलो वॉट 18000 रुपए अधिकतम तीन किलो वॉट तक एवं इसके बाद अधिकतम 10 किलो वॉट तक कुल एक लाख 17 हजार की सब्सिडी प्रदान कर रही है। इससे काफी उपभोक्ता अपने परिसर में रूफ टॉप सोलर नेट मीटर योजना के तहत संयंत्र लगाकर मेरा परिसर, मेरी बिजली की भावना प्रबल कर रहे हैं। विद्युत कंपनी क्षेत्र के उज्जैन जिले को भी सोलर सिटी के रूप मे विकसित करने के उद्देश्य से इस दिशा में त्वरित कार्य किया जा रहा हैं। वर्तमान में उज्जैन शहर में 900 से ज्यादा एवं जिले में 1350 स्थानों पर रूफ टॉप सोलर सिस्टम लगे हंै। रतलाम शहर में 350 एवं देवास शहर में 225 स्थानों पर छतों, परिसरों पर पैनलों के माध्यम से सूरज की किरणों से बिजली तैयार हो रही हैं। अन्य सभी क्षेत्रों में भी इस तरह के कार्य हो रहे हैं।

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200 से 300 रु. चुकाना होता है बिल

योजना से जुडऩे वाले उपभोक्ता को खर्च की गई बिजली एवं परिसर में उत्पादित बिजली के अंतर यूनिट एवं अन्य न्यूनतम फिक्स चार्ज की राशि ही देना होती है। इस तरह तीन किलो वॉट तक का संयंत्र लगाने वाले घरेलू उपभोक्ता को संयंत्र से पूरी क्षमता के साथ बिजली उत्पादन होने पर मौजूदा बाजार कीमत की तीन हजार की बिजली की जगह मात्र 200 से 300 रुपए का ही बिल चुकाना होता है।

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बीस वर्ष बिजली मिलती है फ्री

सोलर पैनल्स की आयु यानी कार्य करने की अवधि 20 से 25 वर्ष होती है, जबकि इसे लगाने में उपभोक्ता को जितना व्यय उठाना पड़ता है, वह बिजली की बिल की कीमत के हिसाब से मात्र चार से साढ़े चार वर्ष में पूरा हो जाता है। ऐसे में उसे करीब बीस वर्ष बिजली मुफ्त
मिलती है।

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