एमआईसी की बैठक 29 को, सीबीजी स्थापना सहित तीन प्रस्ताव होंगे पास

50 करोड़ के बायोगैस प्लांट को मिलेगी हरी झंडी

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अक्षरविश्व न्यूज. उज्जैन:शहर को बड़ी सौगात मिलने वाली है। 50 करोड़ की लागत से प्रस्तावित सीबीजी (कंप्रेस्ड बायोगैस ईकाई ) को गोंदिया में स्थापित करने के लिए एमआईसी हरी झंडी देकर इसे आगे बढ़ा सकती है। इस प्लांट के स्थापित होने पर कचरे से गैस बनेगी और नगर निगम का आर्थिक बोझ भी कम होगा। प्रदेश का यह दूसरा प्लांट होगा।

नगर निगम प्रशासन ने यह प्लांट स्थापित करने के लिए तैयारी तेज कर दी है। एमआईसी की बैठक 29 जनवरी को बुलाई गई है, जिसमें सीबीजी इकाई स्थापना सहित तीन प्रस्तावों पर मंथन होगा। साथ ही एमआर फाइव और गोंदिया ट्रेंचिंग ग्राउंड पर पुराने लिगेसी वेस्ट के बायो रेमेडियेशन के लिए बनाई गई डीपीआर पर भी चर्चा कर निर्णय लिया जाएगा। गोंदिया ट्रेंचिंग ग्राउंड पर करीब 7 एकड़ जमीन पर 50 करोड़ रुपयों की लागत से यह प्लांट लगाने की योजना है। इसके तहत 150 टन गीले कचरे से बायोगैस बनाई जाएगी।

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गेल इंडिया लिमिटेड द्वारा पीपीपी मोड पर यह प्रोजेक्ट शुरू किया जाएगा। इस प्लांट में गीले कचरे से गैस बनाई जाएगी और फिर इसे एजेंसियों को बेचा जाएगा। एजेंसियों को बेचे जाने के अलावा शहर में इसके प्लांट लगाने पर भी काम किया जा सकेगा। इस तरह शहर कचरे से कमाई कर सकेगा।

कंप्रेस्ड बायो गैस क्वालिटी के मामले में सीएनजी से बेहतर होती है। शहर में रोजाना 200 टन से ज्यादा कचरा निकलता है, जिसमें से 60 फीसदी गीला और 40 फीसदी सूखा होता है। यह सारा कचरा शहर से 20 किलोमीटर दूर गोंदिया ट्रेंचिंग ग्राउंड पर वाहनों के जरिए पहुंचाया जाता है। वर्तमान में ट्रेंचिंग ग्राउंड पर जो प्लांट संचालित किया जा रहा है, उसकी देखरेख कंपनी करती है, जिसे सालाना एक करोड़ रुपए का भुगतान किया जाता है। कंपनी यहां कचरे से जैविक खाद बनाने का काम करती है। बायोगैस प्लांट शुरू होने से निगम एक करोड़ रुपए बचा सकेगी और बायोगैस बनाने और बेचने से निगम को अच्छी आय भी होगी।

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मंछामन मल्टी में आवास आवंटन पर होगा निर्णय

प्रधानमंत्री आवास योजना एएचपी घटक के अंतर्गत मंछामन क्षेत्र की निर्माणाधीन ईडबल्यूएस आवासीय इकाइयों के शासन निर्देशानुसार प्राप्त आवेदनों में 12 हितग्राहियों के अनुमोदन और स्वीकृति का प्रस्ताव भी रखा जाएगा। इस पर भी अहम फैसले लिए जाएंगे।

प्लांट एक नजर में

गोंदिया ट्रेंचिंग ग्राउंड की 7 एकड़ जमीन पर बायोगैस प्लांट शुरू करने की योजना।

150 टन गीले कचरे से बनाई जाएगी गैस।

पीपीपी मोड पर गेल इंडिया लिमिटेड इस प्रोजेक्ट पर काम करेगा।

प्लांट में गैस बनाकर इसे एजेंसियों को बेचा जाएगा।

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