पहले राउंड का परिणाम सुबह 11 बजे मिलने की उम्मीद…

विधानसभा मतगणना: एक राउंड में औसत 40 से 45 मिनट का समय लगेगा, मणगणना स्थल पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम

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08 बजे सुबह शुरू होगी गणना

08 बजे रात तक गणना चलने की संभावना

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12 घंटे से ज्यादा लगेंगे 7 सीटों की गणना में

40-45 मिनट लगेंगे औसत 1 राउंड की गिनती में

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अक्षरविश्व न्यूज. उज्जैन:विधानसभा चुनाव मतगणना की सभी तैयारी पूरी हो चुकी है। अनुमान लगाया जा रहा है कि दावे-आपत्ति या कोई तकनीकी समस्या नहीं आई तो रात 8 बजे तक अधिकांश नतीजे आ जाएंगे। माना जा रहा है कि एक ईवीएम से गणना में एक राउंड में औसत 40 से 45 मिनट का समय लगेगा। सबसे पहले पोस्टल बैलेट की गणना प्रारंभ होगी। इसके आधे घंटे बाद ईवीएम से मतों की गिनती प्रारंभ कर दी जाएगी। संभावना है कि पहले राउंड का परिणाम सुबह 11 बजे तक आने की संभावना है।

7 सीटों की गिनती में 12 घंटे से ज्यादा समय लगेगा। मतगणना सुबह 8 बजे शुरू होकर रात 8 बजे तक चलने की संभावना है। हालांकि जीत-हार के रुझान दोपहर 12 बजे के बाद मिलना शुरू हो जाएंगे। आयोग ने वोटर टर्नआउट एप बनाया है। इसमें हर राउंड की एंट्री ऑनलाइन की जाना है। स्थानीय तौर पर भी इस व्यवस्था में सुधार किया है। हर राउंड के साथ ही फॉर्म 20 की एंट्री भी पूरी की जाएगी। इससे परिणाम भी समय पर मिल सकेगा।

कांग्रेस ने उठाया मतगणना मैनपॉवर रेंडमाइजेशन प्रक्रिया पर सवाल..

शनिवार को मैनपॉवर रेंडमाइजेशन द्वारा यह तय किया गया है कि किस कर्मचारी की ड्यूटी किस कक्ष में रहेगी। रविवार सुबह रेंडमाइजेशन द्वारा ही बताया जाएगा कि उन्हें किस टेबल पर बैठना है। कांग्रेस ने इस बात पर आपत्ति उठाई है कि मैनपॉवर रेंडमाइजेशन प्रक्रिया में पार्टी के प्रत्याशियों या प्रतिनिधियों को भी बुलाना था। जिला निर्वाचन के अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि यह प्रक्रिया प्रेक्षक की उपस्थिति में ही होती है। कांग्रेस के प्रवक्ता विवेक गुप्ता ने कहा कि मतगणना में मैनपॉवर रेंडमाइजेशन प्रक्रिया से राजनीतिक दलों एवं प्रत्याशियों को दूर रखना शंकास्पद है। मतगणना प्रेक्षकों की जानकारी भी छिपाई गई।

एग्जिट पोल का तिलिस्म कल तस्वीर होगी साफ…

विधानसभा चुनाव को लेकर एग्जिट पोल में तमाम एजेंसियां ने अपने-अपने दावे पेश किए। सभी के दावों में विभिन्नताएं हैं। एग्जिट पोल जो भी कहें, किंतु जनता जानती है कि असल तस्वीर तो 3 दिसंबर को ही स्पष्ट होगी। तब तक प्रतीक्षा जारी है। चुनावों को लेकर होने वाले एग्जिट पोल कभी सटीक साबित होते हैं तो कभी औंधे मुंह गिर जाते हैं। वस्तुत: इन्हें इसलिए भी पूरा सत्य नहीं माना जा सकता है।

दरअसल जानकारों का कहना है कि इनके काम करने का तरीका बहुत प्रामाणिक नहीं होता। एग्जिट पोल वाली टीमें कुछ चुनिंदा शहरों और कुछ चुनिंदा गांवों से नमूने के तौर पर चंद लोगों से बात करती हैं और निष्कर्ष पर पहुंच जाती हैं। ये चुनिंदा लोग चावल की हांडी की तरह कतई नहीं माने जा सकते। हांडी में पकने वाले प्रत्येक चावल की स्थिति, उसे मिलने वाली गर्मी और पकने की परिस्थितियां सब एक जैसी होती हैं इसलिए एक दाना पका, तो समझो सब पक गए। किंतु चुनाव इतनी आसान और सरल प्रक्रिया नहीं।

एक ही घर में दो सगे भाई भी अलग-अलग राजनीतिक विचारधारा के समर्थक हो सकते हैं और वे अलग-अलग दलों को वोट दे सकते हैं। ऐसे में एग्जिट पोल एजेंसियों के नमूना सर्वे को सत्य कैसे माना जा सकता है? इसके बावजूद एग्जिट पोल को लेकर जनता में उत्सुकता इसलिए रहती है, क्योंकि इनके कारण चुनाव परिणाम आने के कुछ दिन पहले तक राजनीतिक चर्चा के सुख का आनंद लिया जा सकता है। इनके कारण समाज में बहस शुरू होती है, दावे किए जाते हैं और सियासी जुगाली का सुख लिया जाता है। अत: एग्जिट पोल सत्य हैं या नहीं हैं, यह 3 दिसंबर को स्पष्ट हो जाएगा।

परिणामों की बेसब्री से प्रतीक्षा

विधानसभा चुनाव के परिणामों की भाजपा और कांग्रेस को बेसब्री से प्रतीक्षा है। दोनों के अपने-अपने दावे और आकलन हैं। मतगणना पर दोनों दल लगातार नजर रखेंगे। इसके लिए प्रत्याशियों और उनके एजेंटों को पूरी गंभीरता से मतगणना स्थल पर सुबह से ही जुटने को कहा गया है। कांग्रेस ने प्रत्याशियों और एजेंटों को भोपाल बुलाकर मतगणना प्रक्रिया के कानूनी पहलुओं के बारे में प्रशिक्षण भी दिया था। एक-एक वोट पर नजर रखकर अंतिम परिणाम आने तक मतगणना कक्ष में मौजूद रहने की हिदायत दी गई।भाजपा ने मतगणना अभिकर्ताओं को प्रशिक्षण दिया, इसमें मतगणना के दौरान बरती जाने वाली सावधानियां बताई गई।

इस तरह होती है गणना

अलग-अलग विधानसभा क्षेत्र के लिए टेबलों की संख्या भी अलग-अलग रखी गई है।

सबसे पहले स्ट्रांग रूम से कंट्रोल यूनिट लाई जाएगी। इसे प्रत्येक गणना टेबल पर रखेंगे।

गणनाकर्मी इसे सभी एजेंट को दिखाकर इसकी सील खोलेंगे।

डिस्प्ले आने पर सभी उम्मीदवारों के एजेंट को इसे दिखाया जाएगा।

वोटों की संख्या बताकर इन्हें नोट किया जाएगा।

राउंड वार गणना के लिए प्रपत्र पर प्रत्येक टेबल की गिनती लिखी जाएगी।

इस प्रपत्र की एक प्रति आरओ को व दूसरी कॉपी उम्मीदवार को देंगे।

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