पार्षद ने उठाए अस्पतालों के फायर ऑडिट पर सवाल

पत्र लिखकर समीक्षा की मांग की, कोर्ट की शरण में जाने की चेतावनी

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मनमाने ढंग से जारी एनओसी पर संबंधित अधिकारी के खिलाफ कार्यवाही करने की मांग…

उज्जैन। शहर के निजी अस्पतालों में सुरक्षा के लिए फायर ऑडिट और एनओसी को लेकर फिर से मुद्दा सामने आया है। नगर निगम में उपनेता प्रतिपक्ष ने लिए फायर ऑडिट और एनओसी पर सवाल उठाते हुए इनकी समीक्षा की मांग करते हुए प्रमुख सचिव, संभागायुक्त, कलेक्टर, निगमायुक्त को पत्र लिखें है। इसके साथ मामले को न्यायालय में ले जाने की चेतावनी दी है।

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नगर निगम में उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र कुवाल ने उज्जैन नगरीय सीमा के अस्पतालों, बहुमंजिला भवनों में मापदंडों के विपरीत जारी फायर एनओसी को तत्काल निरस्त करने, एनओसी के शेष अस्पतालों, बहुमंजिला भवनों को जनसुरक्षा हेतु तत्काल सील कर इनका उपयोगिता प्रमाण पत्र निरस्त कर इनका उपयोग, उपभोग रोकने व अस्पतालों के लायसेंस निरस्त करने की मांग कर नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग प्रमुख सचिव, संभागायुक्त, कलेक्टर, एवं निगमायुक्त को पत्र प्रेषित किए है।

इसमें बताया है कि शहर के समस्त निजी, शासकीय अस्पतालों, बहुमंजिला इमारतों में फायर एनओसी की पुन: समीक्षा, जांच कराई जाए। नियम एवं मापदंड के विपरीत मनमाने ढंग से जारी एनओसी पर संबंधित अधिकारी के खिलाफ कार्यवाही की जाए।

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पहले की घटनाओं के कोई नतीजे नहीं

उपनेता प्रतिपक्ष कुवाल का कहना है कि पूर्व में शहर में हो चुके अग्निकांड को लेकर जांच के कोई नतीजे नहीं मिले है। नगर के अस्पतालों में अग्निसुरक्षा के विषय को लेकर कोई ठोस कार्यवाही नहीं हुई। जिम्मेदार अधिकारियों ने मात्र पत्र जारी कर कागजी खानापूर्ति की है। फायर एनओसी की पुन: समीक्षा, जांच कराई जाए।

पत्र के खास बिन्दु

उज्जैन नगरीय सीमा में कुछ ही अस्पतालों ने फायर एनओसी प्राप्त की है।

अनेक अस्पताल आज भी बिना फायर एनओसी के संचालित होकर जनसुरक्षा से खिलवाड़ कर रहे हैं।

अस्पताल भवनों व नगर के बहुमंजिला भवनों में भवन निर्माण अनुज्ञा की शर्तों की पूर्ति नहीं की गई है।

अस्पतालों के अग्निसुरक्षा उपकरण चालू स्थिति में है या नहीं इसकी जांच कराई जाना आवश्यक है।

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