महिदपुर विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस नेताओं में एकजुटता नहीं होने से भाजपा की जीत आसान

विधानसभा चुनाव 2023… मतदाता चाहते हैं अब बदलाव, भाजपा में बगावत के आसार

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महिदपुर विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस नेताओं में एकजुटता नहीं होने से भाजपा की जीत आसान

अक्षरविश्व न्यूज. उज्जैन:महिदपुर विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस को पिछले तीन विधानसभा चुनाव से पराजय का सामना करना पड़ रहा है। इसका कारण क्षेत्र के कांग्रेस नेताओं के बीच एकजुटता का अभाव है। कांग्रेस के नेता द्वारा निर्दलीय चुनाव लडऩे से जहां कांग्रेस प्रत्याशी की हार हुई, वहीं भाजपा प्रत्याशी की जीत आसान रही।

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भाजपा इस विधानसभा क्षेत्र से विधायक बहादुरसिंह चौहान को प्रत्याशी बनाएगी इसकी पूरी पूरी संभावना है जबकि कांग्रेस किस नेता को चुनाव लडऩे का मौका देती है यह अभी तक स्पष्ट नहीं है । जबकि दावेदार के तौर पर कांग्रेस में 10 के लगभग नेताओं के नाम चर्चा में है।

सन 1957 से लेकर सन 2018 तक महिदपुर विधानसभा क्षेत्र से छह बार भाजपा छह बार कांग्रेस और एक-एक बार भारतीय जनसंघ और जनता पार्टी के प्रत्याशी चुनाव जीते। इस प्रकार इस विधानसभा क्षेत्र से भाजपा को 8 बार सफलता मिली है। यहां से दो बार स्वर्गीय बाबूलाल जैन, स्वर्गीय डॉ. कल्पना परुलेकर एवं तीन बार बहादुरसिंह चौहान चुनाव जीते हैं । जबकि अन्य सात नेता एक बार चुनाव जीते।

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इन दावेदारों के नाम चर्चा में

कांग्रेस से दावेदार के रूप में जिन नेताओं के नाम चर्चा में है उनमें दिनेश जैन बोस, विजयसिंह गौतम, कमल किशोर रणछोड़ त्रिवेदी, नारायणसिंह बापू, मांगीलाल कुमावत, गौरी परुलेकर, अशोक नवलखा आदि शामिल हैं। जबकि भाजपा से विधायक बहादुरसिंह चौहान, प्रतापसिंह आर्य आदि के नाम चर्चा में है। इनमें से दिनेश जैन बोस दो बार निर्दलीय चुनाव लड़ चुके हैं और दोनों बार दूसरे नंबर पर रहे । वरिष्ठ नेता विजयसिंह गौतम भी काफी समय से इस क्षेत्र में सक्रियता से जुड़े हुए हैं।

बगावत के आसार

चर्चा है कि भारतीय जनता पार्टी विधायक बहादुरसिंह चौहान को फिर से प्रत्याशी बनाएगी ऐसे में निर्दलीय रूप से जिला पंचायत सदस्य का चुनाव जीते प्रतापसिंह आर्य विधानसभा चुनाव में भी निर्दलीय रूप से चुनाव लड़कर चौहान को कड़ी चुनौती दे सकते हैं । इन दोनों नेताओं के बीच काफी समय से तकरार चली आ रही है इससे सभी भलीभांति वाकिफ हैं।

दावेदार क्षेत्र में सक्रिय

कांग्रेस और भाजपा दोनों दलों के दावेदार विगत कुछ माह से विधानसभा क्षेत्र में सक्रिय होकर धार्मिक-सामाजिक कार्यक्रमों में शामिल हो रहे हैं। इसके अलावा धािर्मक यात्राओं का भी स्वागत कर रहे हैं ताकि गांव के अधिक से अधिक लोग उनसे जुड़ सकें।

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