यह है उज्जैन पुलिस की कार्यप्रणाली… प्रकरण दर्ज कराने के लिए थाने-थाने भटका युवक

चोरी की रिपोर्ट लिखाने मानव अधिकार आयोग का सहारा लेना पड़ा

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ड्रायवर बोला… ट्रांसपोर्टर ने वाहन सीज कर लिया, 11 माह में भूखे मरने की नौबत आ गई

अक्षरविश्व न्यूज. उज्जैन;लोडिंग बोलेरो वाहन में सरकारी शराब लेकर भोपाल से जावरा के लिये निकले ड्रायवर के वाहन की तिरपाल काटकर 20 जनवरी 23 को अज्ञात बदमाशों ने 2 लाख रुपये की शराब की पेटियां चोरी कर ली थीं। वह रिपोर्ट लिखाने उज्जैन के आधा दर्जन थाने घूमा लेकिन पुलिस ने उसकी रिपोर्ट लिखना तो दूर सुनवाई भी नहीं की। नतीजा यह निकला कि ड्रायवर का वाहन ट्रांसपोर्टर ने सीज कर लिया और उसकी भूखे मरने की नौबत आ गई। मानव अधिकार आयोग का सहारा लेने के 11 माह बाद चिंतामण थाना पुलिस ने उसकी एफआईआर दर्ज की है।

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अमित शर्मा पिता ओमप्रकाश शर्मा 30 वर्ष निवासी 160 ए सेक्टर अयोध्या नगर बायपास रोड भोपाल ने बताया कि वह 20 जनवरी 23 को अपनी लोडिंग बोलेरो में सरकारी शराब भरकर भोपाल से जावरा के लिये निकला था। चिंतामण ब्रिज पर उसे बोलेरो की तिरपाल कटी दिखी तो वाहन चैक किया जिसमें रखी 3 पेटी गोल्ड लेबल, 1 पेटी रेड लेबल शराब कीमत करीब 2 लाख रुपये नहीं थी। वह तुरंत महाकाल थाने पहुंचा और तिरपाल काटकर चोरी की रिपोर्ट लिखने की बात पुलिस से कही लेकिन पुलिस ने उसकी बात पर विश्वास नहीं किया। अमित को पुलिस ने नागझिरी थाने भेज दिया। वहां भी पुलिस ने उसकी कहानी सुनी और नरवर थाने वहां से चिंतामण थाने घुमाया लेकिन कहीं भी रिपोर्ट दर्ज नहीं हुई।

परिचितों ने सलाह दी तो गया आयोग की शरण में

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अमित ने बताया कि जब परिचितों को आपबीती सुनाई तो उन्होंने सलाह दी कि मानव अधिकार आयोग और चुनाव आयोग में इसकी शिकायत करो जहां सुनवाई होगी। अमित ने मानव अधिकार आयोग में आवेदन देकर शिकायत की जिसके बाद उज्जैन एसपी के हस्तक्षेप पर 12 दिसंबर 23 को चिंतामण थाने में अज्ञात बदमाशों के खिलाफ 2 लाख रुपये कीमत की शराब चोरी की रिपोर्ट दर्ज हो पाई।

ट्रांसपोर्टर ने वाहन सीज कर पीटा

अमित ने बताया कि पुलिस ने चोरी की रिपोर्ट दर्ज नहीं की तो वापस भोपाल लौटा और ट्रांसपोर्टर को इसकी जानकारी दी, लेकिन उसने भी मेरी बात पर भरोसा नहीं किया। मेरा लोडिंग बोरिंग वाहन सीज कर लिया और मारपीट भी की। स्थिति यह हो गई कि मुझे दूसरे व्यक्ति के यहां नौकरी करना पड़ी। मेरा बेटा प्रायवेट स्कूल में पढ़ता था। स्कूल फीस नहीं भर पाने के कारण उसे स्कूल से निकालना पड़ा। घर चलाना मुश्किल हो गया और भूखे मरने की नौबत आ गई थी।

इनका कहना..हमारे यहां आवेदन आया था जिसकी जांच के बाद चोरी की रिपोर्ट दर्ज की गई है। अमित पूर्व में कौन से थाने घूमा इसकी जानकारी नहीं है।-बल्लू मंडलोई, टीआई चिंतामण थाना

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