यूडीए सीईओ को आदेश पत्र थमाया दस्तावेज लेने दफ्तर पहुंची लोकायुक्त

By AV NEWS

उप पुलिस अधीक्षक तालान की कार्रवाई, ताबड़तोड़ सौंपे दस्तावेज

यूडीए सीईओ को आदेश पत्र थमाया दस्तावेज लेने दफ्तर पहुंची लोकायुक्त

अक्षरविश्व न्यूज. उज्जैन:उज्जैन विकास प्राधिकरण (यूडीए) के मुख्य कार्यपालन अधिकारी (सीईओ) संदीप कुमार सोनी को लोकायुक्त प्रकरण में जांच के सिलसिले में नोटिस देने और आदेश पत्र जारी करने के बाद भी दस्तावेज नहीं थमाए तब लोकायुक्त के उप पुलिस अधीक्षक सुनील कुमार तालान खुद बुधवार को यूडीए दफ्तर पहुंच गए।

इससे यूडीए में हड़कंप मच गया। ताबड़तोड़ जरूरी दस्तावेज सौंपे गए। दरअसल, पूर्व सीईओ सोजानसिंह रावत के कार्यकाल में प्लॉट आवंटन में हुई गड़बड़ी की शिकायत पर लोकायुक्त मुख्यालय ने जांच रिपोर्ट तलब की है। इसी सिलसिले में तालान द्वारा यूडीए सीईओ से प्रकरण (क्रमांक 254/ई/2022) से जुड़े दस्तावेज तलब किए जा रहे हैं, लेकिन प्राधिकरण प्रशासन दे नहीं पा रहा था।

गत 24 अगस्त को दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 91 के तहत आदेश पत्र जारी किया गया था। इस पर भी दस्तावेज नहीं मिले तो वे पूरी टीम के साथ बुधवार को यूडीए दफ्तर जा पहुंचे और संबंधित रिकॉर्ड जब्त करने की चेतावनी दी। इस पर कर्मचारियों से ताबड़तोड़ दस्तावेज मंगाए गए और तालान को सौंपे गए।

तीन माह से नहीं दे रहे थे दस्तावेज…

यूडीए सीईओ सोनी पिछले तीन माह से केस से जुड़े दस्तावेज देने की जगह उनको दबाए बैठे थे। लोकायुक्त पुलिस ने 5 जून 2023 को पत्र भेजा फिर 25 जुलाई और 4 अगस्त को नोटिस जारी किया था। इस पर उप पुलिस अधीक्षक तालान का धैर्य जवाब दे गया और उन्होंने आदेश पत्र जारी किया। इसके बाद भी यूडीए सीईओ दस्तावेजों को दे नहीं सके। आखिरकार उन्हें खुद रिकॉर्ड जब्त करने दफ्तर जाना।पड़ा।

ये दो बड़े मामले, जिनमें चल रही लोकायुक्त जांच

त्रिवेणी विहार योजना में प्लॉट ए -16/ 7 को कर्मचारी कोटे में आवंटित करने का मामला। लोकायुक्त ने पूछा है कि इस कोटे में प्लॉट आवंटन के लिए किस आधार पर चयन किया गया। बाकी के चार प्लॉट का क्षेत्रफल 96 वर्गमीटर और प्लॉट ए -16/ 7 का क्षेत्रफल 216 वर्गमीटर है। कर्मचारी कोटे में बड़ी साइज और अन्य प्लॉट में साइज छोटी क्यों और कैसे रखी गई। इसके लिए संबंधित प्रकरण की नस्ती की प्रमाणित प्रति ली।

शिप्रा विहार योजना में कर्मचारी कोटे का प्लॉट सी 4/23 आवंटित किया गया था। इसका क्षेत्रफल 233 वर्गमीटर था। इस सिलसिले में 25 अगस्त 2021 को जारी विज्ञप्ति 67/21 की सत्यापित प्रति मांगी गई थी। इसमें भी कर्मचारी कोटे के प्लॉट की साइज बड़ी रखी गई थी।

बड़ा सवाल, इतने दिन जानकारी क्यों नहीं भेजी?

महाकाल मंदिर प्रशासक की जिम्मेदारी संभाल रहे सीईओ सोनी यूडीए के सीईओ की दोहरी जिम्मेदारी भी संभाल रहे हैं , इसलिए लोकायुक्त के सामने यह सवाल भी अहम हो गया है कि वे इतने दिनों से जानकारी क्यों नहीं दे रहे थे? जो जानकारियां उप पुलिस अधीक्षक को पहले ही दी सकती थी, वे बुधवार तक दबाकर क्यों रखी गईं? अहम बात यह कि वे महाकाल मंदिर के उस पद पर बैठे हैं जहां भक्तों द्वारा करोड़ों रुपए दान में दिया जाता है।

जो अफसर यूडीए में भ्रष्टचार की शिकायत पर लोकायुक्तको सहयोग नहीं कर सकता वह मंदिर में कैसे सही काम कर सकता है? सूत्रों की मानें तो सरकार को यह पत्र भी भेजा जा सकता है कि ऐसे अधिकारी को मंदिर के प्रशासक पद से तत्काल हटाया जाना चाहिए। मंदिर से भक्तों की आस्था और श्रद्धा जुड़ी है। अगर सरकार इस मामले को गंभीरता से नहीं लेगी तो विधानसभा चुनाव में विपक्ष को इसका फायदा मिल सकता है।

लोकायुक्त जांच इन बिंदुओं पर

जांच के दायरे में शामिल प्रकरणों में विज्ञप्ति जारी करने के लिए क्या कोई समिति बनाई थी। यदि बनाई थी तो उसकी जानकारी और जारी करने वाले प्राधिकृत अधिकारी का विवरण।

जिन कर्मचारियों को कोटे के प्लॉट आवंटित किए गए, उनको क्या पहले किसी अन्य योजना में प्राधिकरण द्वारा प्लॉट या फ्लैट आवंटित किए या नहीं। इससे संबंधित नियम या सर्कुलर की प्रति सहित जानकारी।

यह सही है कि लोकायुक्त जांच के सिलसिले में यूडीए सीईओ को बार बार नोटिस जारी किए और आदेश पत्र जारी करने के बाद भी जानकारी प्रस्तुत नहीं की गई तो 6 सितंबर को यूडीए कार्यालय जाना पड़ा। जानकारी मिल गई है। इसके आधार पर जांच की जाएगी। जरूरत पड़ी तो और जानकारियां ली जाएंगी। सुनील कुमार तालान उप पुलिस अधीक्षक लोकायुक्त, उज्जैन

Share This Article