रेलवे ने हाथ खड़े किए, फ्रीगंज में पीडब्ल्यूडी ही बनाएगा पूरा ओवरब्रिज

फाटक नहीं होने से रेलवे की पॉलिसी नहीं, सेतु संभाग ही लगा सकता टेंडर

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विधानसभा चुनाव की आचार संहिता के कारण प्रक्रिया रुकी

अक्षरविश्व न्यूज. उज्जैन:फ्रीगंज में नया समानांतर ओवरब्रिज बनाने की प्रक्रिया विधानसभा चुनाव की अचार संहिता लागू होने के कारण पूरी तरह रुक गई है, लेकिन रेलवे ने साफ किया है कि वह रेलवे पटरी का हिस्सा नहीं बनाएगी। इस कारण सेतु संभाग को ही पूरा टेंडर लगाना पड़ सकता है। इस मुद्दे पर अभी उच्च स्तर पर फैसला होना बाकी है। बहरहाल, चुनाव बाद ही इसका काम गति पकड़ सकेगा।

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मौजूदा फ्रीगंज ओवरब्रिज के समानांतर नया ब्रिज बनाने के लिए राज्य सरकार द्वारा 91.76 करोड़ रुपए की मंजूरी दी जा चुकी है, लेकिन टेंडर की प्रकिया में ही है। इस कारण विधानसभा चुनाव की आचार संहिता के कारण सभी नए कामों की प्रक्रिया पर रोक लग गई है। दिसंबर में नई सरकार बनने के बाद ही टेंडर की प्रक्रिया आगे बढ़ सकेगी।

इस ब्रिज में पटरी का हिस्सा रेलवे बनाएगा या पीडब्ल्यूडी ब्रिज, यह तय नहीं है। रेलवे सूत्रों के अनुसार वह इस ब्रिज का हिस्सा नहीं बनाएगी, क्योंकि रेलवे की पॉलिसी के अनुसार जहां फाटक होता है वहीं रेलवे अपने हिस्से का ब्रिज बनाती है। फ्रीगंज में पहले से ही पुराना ब्रिज है और फाटक नहीं है। इस कारण रेलवे ने लोक निर्माण विभाग सेतु संभाग के अधिकारियों को इस बात से अवगत करा दिया है कि पॉलिसी में नहीं होने से वह ब्रिज नहीं बनाएगी।

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इसके अलावा रेलवे ने अपनी समस्या भी सामने रखी है कि उनके पास स्टाफ कम है और काम ज्यादा। इस कारण सेतु संभाग को ही पूरा ब्रिज बनाना पड़ेगा। हालांकि इस मामले को लेकर रेलवे और शासन के बीच उच्च स्तरीय बैठक हो सकती है, जिसमें तय किया जाएगा कि रेलवे पटरी का हिस्सा कौन बनाएगा। नई सरकार बनने के बाद ही यह उलझन दूर होगी। इसके बाद ब्रिज का काम गति पकड़ सकेगा। अभी ब्रिज के लिए जमीन अधिग्रहण करना भी बड़ी चुनौती है।

अभी कोई नया काम नहीं

अचार संहिता के प्रभावशील होने के कारण नए काम नहीं किए जा रहे। विभागीय मुख्यालय के निर्देश पर अभी कोई नया काम नहीं किया जा रहा। एसके अग्रवाल कार्यपालन यंत्री, पीडब्ल्यूडी ब्रिज, उज्जैन संभाग

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