श्रीराम नवमी : मंदिरों में मना भगवान का जन्मोत्सव, शंख ध्वनि के साथ हुई आरती

विप्र, धेनु, सुर संत हित लीन मनुज अवतार

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अक्षरविश्व न्यूज. उज्जैन:वैकुंठाधिपति भगवान को देख-शोकमयी धरती पर आने की अपेक्षा ही नहीं है, वे तो केवल करूणा से आते हैं और फिर अपनी महत्ता को छिपाकर मनुष्योचित आचरण करते हैं। चैत्र मास की नवमी तिथि भगवान श्री राम के जन्मदिन को राम नवमी के रूप में शहर के मंदिरों में उत्साह और उमंग के साथ मनाया जा रहा है। मंदिरों में चैत्र नवरात्रि के अवसर पर पिछले 9 दिनों से चल रहे अखंड रामायण पाठ, मां दुर्गाजी की पूजन आराधना भगवान श्री राम के जन्मोत्सव के साथ पूर्ण हुई।

अतिप्राचीन श्रीराम जनार्दन मंदिर में भगवान के रूप ने भक्तों का मन मोहा

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शहर के सभी श्रीराम मंदिरों में दोपहर 12 बजते ही भये प्रकट कृपाला दीन दयाला की आरती के साथ श्रद्धालु भावविभोर होकर भगवान की भक्ति में डूब गये। शंख और घंटों की ध्वनि से गूंजायमान होते मंदिरों में इस वर्ष अयोध्या में भगवान श्रीराम का भव्य मंदिर बनने से उत्साह दो गुना हो गया था। प्राचीन श्री रामजनार्दन मंदिर, हरसिद्धि की पाल स्थित पाटीदार समाज राम मंदिर में सुबह से श्रद्धालुओं की भीड़ रही। भगवान के जन्मोत्सव के अवसर पर मंदिरों में आकर्षक विद्युत, पुष्प सज्जा की गई है।

श्रीराम स्वरूप में सजे चिंतामन गणेश

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आज यह भी संयोग रहा कि भगवान चिंतामण गणेश की शाही अंतिम जत्रा है। पुजारी गणेश गुरु ने बताया कि भगवान चिंतामण गणेश को रामनवमी के अवसर पर भगवान श्रीराम के स्वरूप में सजाकर आकर्षक श्रृंगार किया गया है। प्रात: आरती के पश्चात भगवान गणेश को 56 भोग लगाये गये। चैत्र मास के प्रति बुधवार चिंतामण गणेश मंदिर पर जत्रा होती है और आज चौथी जत्रा के साथ समापन हो गया।

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