सावन का महीना भगवान भोलेनाथ को प्रिय है. इस पूरे माह में भगवान शिव की पूजा करते हैं, लोग 12 ज्योतिर्लिंगों के दर्शन करते हैं. शिवालयों में शिवलिंग का जलाभिषेक किया जाता है. संकटों से मुक्ति के लिए रुद्राभिषेक कराया जाता है. मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए लोग कांवड़ यात्रा भी करते हैं. शिव भक्त वो हर प्रयास और उपाय करते हैं कि उनके प्रभु शिव शंकर प्रसन्न हो जाएं और उनके मन की मुराद पूरी कर दें. इस साल सावन का महीना 22 जुलाई सोमवार से प्रारंभ हो रहा है. शिव पूजा का नियम क्या है?
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इन चीजों का करें त्याग- सावन के शुरू होते ही तामसिक चीजों जैसे मांस, शराब, नशीले पदार्थ, लहसुन, प्याज आदि का सेवन नहीं करना चाहिए. सावन में पूरे महीने सात्विक भोजन करना चाहिए. पूजा से पहले स्नान करके साफ कपड़े पहनने चाहिए.
शिवलिंग पर ये चीजें न चढ़ाएं- महादेव की पूजा में तुलसी के पत्ते, हल्दी, केतकी का फूल, सिंदूर, शंख, नारियल आदि चीजों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. ये सभी चीजें शिव पूजा में वर्जित मानी गई हैं.
इन दिनों पर व्रत रखना है शुभ- सावन के सोमवार, प्रदोष व्रत और शिवरात्रि के दिन व्रत रखकर भगवान शिव की पूजा करनी चाहिए. ये तीनों ही दिन शिव जी की कृपा पाने के लिए सबसे विशेष माने गए हैं.
शिव जी मंत्रों का जाप करें- सावन में सामान्य पूजा के दौरान आप ओम नम: शिवाय मंत्र का जाप कर सकते हैं. आप शिव चालीसा पढ़कर भी भगवान शिव की आरती कर सकते हैं. आरती करने से पूजा की कमियां दूर हो जाती हैं.
शिवलिंग के आकार का रखें ध्यान- ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, घर में स्थापित किए जाने वाले शिवलिंग का आकार हमेशा छोटा ही होना चाहिए. घर में अंगूठे के आकार का शिवलिंग स्थापित करना सबसे उत्तम है. इसके अलावा शिवलिंग अकेले नहीं रखना चाहिए. उसके साथ में नंदी या शिव परिवार की फोटो जरूर रखें
जलधारा युक्त शिवलिंग- शास्त्रों के मुताबिक, शिवलिंग से हमेशा सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है. उस ऊर्जा के प्रवाह को संतुलित करने के लिए ही शिवलिंग पर जल चढ़ाया जाता है. शिवलिंग की ऊर्जा को शांत रखने के लिए जलधारा होना जरूरी है.
इस दिशा में रखें शिवलिंग – घर में शिवलिंग की स्थापना ऐसे करें कि जलधारा उत्तर दिशा की ओर रहे. वहीं, घर में हमेशा एक शिवलिंग की ही स्थापना करना चाहिए. घर में एक से ज्यादा शिवलिंग की स्थापना करना अशुभ माना जाता है.